मप्र की भाजपा सरकार में शिक्षा के स्तर में आई गिरावट : Jitu Patwari
करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों से
39 लाख बच्चे कम हो गये हैं : जीतू पटवारी
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अंतरिम बजट में लाड़ली बहनाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं
किया भाजपा सरकार ने : जीतू पटवारी
भोपाल, 13 फरवरी 2024; प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि वित्तमंत्री ने 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश किया है, इसमें महिला बाल विकास विभाग को 9 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई है। जबकि, माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए लाड़ली बहना की राशि को बढ़ाया जाएगा, लेकिन अंतरिम बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसके सिर्फ दो ही कारण हो सकते हैं। एक-वोट लेने के बाद भूल जाने की पुरानी आदत को दोहरा रही है। दूसरा- लोकसभा चुनाव में को अब महिलाओं के वोट की आवश्यकता ही नहीं है।
श्री पटवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जिस तरह से बार-बार अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को धमकाया गया कि ‘‘वोट नहीं, तो योजना नहीं“ लेकिन, बाद में सब कुछ भुला दिया गया! भाजपा भले ही भूल गई, लेकिन महिलाएं याद रखेंगी, वे झूठ का पूरा और पक्का हिसाब लेंगी। अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा 13 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि स्कूल शिक्षा विभाग को दी गई है स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए भाजपा सरकार मप्र में सीएम राइज स्कूल की योजना लेकर आई थी।
श्री पटवारी ने कहा कि मैंने पूर्व में भी विस्तार से आंकड़ों और बजट के जरिए मध्य प्रदेश के पिछड़े हुए शैक्षणिक परिदृश्य पर प्रकाश डाला था। बजट पर सरकार की ‘दूरदर्शिता’ को देखते हुए फिर दोहरा रहा हूं। मध्यप्रदेश में पिछले 10 साल में स्कूली शिक्षा पर 1.50 से 2 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं! बावजूद इसके इस दौरान सरकारी स्कूलों में 39 लाख और निजी स्कूलों में 65 हजार बच्चे कम हो गए हैं। स्कूल शिक्षा में 2022-23 में 27 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान था। इसमें से 15205 करोड़ खर्च हुए। 2010-11 में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 1 करोड़ 5 लाख बच्चे थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 66.23 लाख रह गई, क्यों?
श्री पटवारी ने कहा कि इस अवधि में निजी स्कूलों में 48.49 लाख बच्चे थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 48.29 लाख रह गई, इस तरह निजी स्कूलों में 65 हजार बच्चे कम हुए! क्या सरकार मौजूदा स्थिति जनता के सामने रखेगी? ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 2020-21 में जहां पहली से 8 वीं वाले 1.17 करोड़ बच्चे थे, ये 2021-22 में 1.15 करोड़ ही बचे! यह गिरावट भी तब है जब प्रदेश में 370 सीएम राइस स्कूल खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई!
श्री पटवारी ने कहा कि कर्ज लेकर बजट की योजनाओं का मर्ज दूर करने की ऐसी कई नाकाम कोशिश से पहले भी की जाती रही हैं! असफलता और भ्रष्टाचार के कारण परिणाम हमेशा लक्ष्य से बहुत दूर ही रहा! जरूर यह है कि बजट घोषणाओं का जमीनी क्रियान्वयन पूरी ईमानदारी और तत्परता से किया जाए!
श्री पटवारी मप्र सरकार लाड़ली बहना योजना में दी जाने वाली 1250 रुपए की राशि को नहीं बढ़ा रही है! वित्त मंत्री ने जो अंतरिम बजट पेश किया है, उसमें ये साफ हो गया है कि जुलाई तक लाड़ली बहनों को 1250 रुपए प्रति माह ही मिलेगा! समझ नहीं आता आपकी हिम्मत की दाद दूं या फिर लाड़ली बहनों के साथ हो रही धोखाधड़ी के लिए एक निंदा प्रस्ताव भेज दूं!
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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