नर्मदापुरम. क्या नाम बदलने से ही कायाकल्प होने की गारंटी हो जाती है I यदि यह सत्य है तो नर्मदा पुरम में ऐसा नहीं है कहने को यह संभागीय मुख्यालय अवश्य है लेकिन शासन प्रशासन ने पूरा दारोमदार पूरा भार जिलाधीश नर्मदा पुरम के ऊपर छोड़ दिया है जो अपनी क्षमता से अधिक काम करने के बाद भी कहीं ना कहीं आशा और निराशा के भंवर जाल में फंसे हुए हैंI
होना तो यह चाहिए संभागीय मुख्यालय होने के कारण संभाग स्तरीय प्रत्येक अधिकारी को कंधे से कंधा मिलाते हुए इस संभाग मुख्यालय का कायाकल्प करने में रूचि दिखलाना चाहिए I
स्थानीय आईटीआई के सामने आयुर्वेदिक चिकित्सालय है इसके साथ ही पशु चिकित्सा विभाग का संभागीय कार्यालय और शासन का बहुउद्देशीय मृगनयनी एंपोरियम यहां स्थित हैI लेकिन संबंधित विभाग पीआईयू द्वारा इतने महत्वपूर्ण विभागों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है यह स्पष्ट दृष्टिगोचर होता हैI इस विभाग ने आईजी ऑफिस के सामने डामरी कृत रोड का निर्माण कर अपने
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा करने वाले मध्यप्रदेश शासन को इस ओर भी गंभीरतापूर्वक ध्यान देकर मरीजों के हित में तत्काल आयुर्वेदिक चिकित्सालय मार्ग को डामरी कृत करने हेतु आदेशित करना चाहिएI
“शिव मोहन सिंह”
