जब दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस ने वेनिस में तीन दिवसीय भव्य शादी रचाई, तो शायद उन्हें यह उम्मीद नहीं रही होगी कि यह समारोह प्रेम से अधिक विरोध का प्रतीक बन जाएगा।
उनकी शादी, जहां हॉलीवुड सितारे और वैश्विक A-listers मौजूद थे, वहीं स्थानीय निवासियों ने इसे पूंजीवाद, पर्यावरण विनाश और सामाजिक असमानता के विरुद्ध प्रदर्शन का मंच बना डाला।
💔 ‘किसेज़ येस, बेजोस नो’: विरोध का सीधा संदेश

‘नो स्पेस फॉर बेजोस’, ‘नो बेजोस, नो वॉर’ जैसे बैनरों से लेकर, कैनालों को जाम करने की धमकी, और बेजोस जैसे दिखने वाले पुतलों को बहाते हुए, वेनिसवासियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह महज़ एक शादी नहीं, बल्कि दिखावटी संपन्नता का तमाशा था — जो अब इस ऐतिहासिक शहर को स्वीकार नहीं।
🌊 ओवर–टूरिज़्म: सुंदरता के बोझ तले दम तोड़ता शहर
वेनिस, मात्र 50,000 निवासियों वाला शहर, हर साल 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों को संभालता है। बेजोस की शादी ने एक बार फिर यह दिखाया कि शहर का मूल चरित्र और संसाधन सीमित हैं, और जब अरबपति अपने रसूख से इस जगह को निजी पार्टी में बदल देते हैं, तो आम नागरिक हाशिए पर धकेल दिए जाते हैं।
स्थानीय लोगों की समस्याएं — बढ़ती कीमतें, किराये में उछाल, बुनियादी सेवाओं की कमी और पर्यावरणीय क्षति — लंबे समय से अनसुनी रहीं, पर इस बार उन्होंने मौका नहीं गंवाया।
🎭 शादी या शक्ति प्रदर्शन?
बेजोस का यह आयोजन कुछ और नहीं बल्कि धन और प्रभाव का सार्वजनिक प्रदर्शन था। यही वो बात थी जिसने वैनिस के निवासियों को झकझोर दिया। ऐसा प्रतीत हुआ मानो एक व्यक्ति के निजी आयोजन के लिए पूरा शहर बंधक बना दिया गया हो। और जब बेजोस ने “समझौते” के तौर पर एक मिलियन यूरो का दान किया, तो वह भी स्थानीय असंतोष को शांत करने में नाकाम रहा।
🌍 यह विरोध सिर्फ वेनिस का नहीं
बार्सिलोना, मल्लोर्का और यूरोप के कई पर्यटन स्थलों पर भी ‘ओवर–टूरिज़्म’ के खिलाफ आवाज़ उठ रही है। वैनिस में बेजोस की शादी केवल एक अवसर थी, लेकिन संदेश वैश्विक था — कि शहर केवल सजावट के लिए नहीं, रहने के लिए होते हैं।
📌 निष्कर्ष: पैसा सब कुछ नहीं होता
बेजोस की शादी एक चेतावनी बन गई — न केवल अरबपतियों के लिए, बल्कि उन सरकारों और नीतियों के लिए भी जो धन के सामने जनसंवेदनाओं को दरकिनार कर देती हैं।
वेनिस ने दुनिया को बता दिया कि वह अब हर मेहमान का स्वागत नहीं करेगा, खासकर तब, जब आगंतुक का आगमन स्थानीय जीवन को कुचलता हो।
शायद यह घटना आने वाले समय में सस्टेनेबल टूरिज़्म, नागरिक अधिकार और सामाजिक न्याय की बहस को और मजबूती दे।

Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
Authentic news.