छतरपुर की सीमा में हुआ स्वागत
छतरपुर। मेडिकल की पढ़ाई कर रही एक छात्रा पवित्र धाम गंगोत्री से गंगाजल लेकर बागेश्वर धाम के लिए निकली है। छात्रा जैसे ही अपने साथियों के साथ जिले की सीमा अंतर्गत गढ़ीमलहरा के पास पहुंची वैसे ही उसका स्वागत किया गया। छात्रा सिर में गंगाजल का कलश लेकर पैदल चल रही है। किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए वह बागेश्वर धाम जा रही है। मीडिया ने छात्रा से तमाम सवाल किए लेकिन उसका कहना था कि बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर जिस तरह से सबके मन की बात जानते हैं वैसे ही वे ही उसके मन की बात बताएंगे।
जानकारी के मुताबिक एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही शिवरंजनी तिवारी ने मीडिया को बताया कि वह 1 मई को गंगोत्री धाम से पवित्र गंगाजल का कलश लेकर बागेश्वर धाम के लिए निकली है। मीडिया ने जब मन कामना पूछी तो उसने कहा कि महाराजश्री ही उसके मन की कामना पर्चा के माध्यम से बताएंगे। धर्म के प्रति रूझान के बारे में उसका कहना था कि उसका परिवार जगतगुरू शंकराचार्य परमपूज्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से जुड़ा है इसलिए बचपन से ही उसे धार्मिक संस्कार मिले हैं। वह बचपन से कथा प्रवचन करती चली आई है। बचपन में बच्चियों को कलश लेकर जाता देखने से पैदल चलने का भाव प्रकट हुआ। सस्ती लोकप्रियता पाने के सवाल पर कहा कि उसे बालाजी पर पूरा भरोसा है क्योंकि बालाजी की कृपा से ही वह पैदल चल रही है।
