जिला पंचायत के 19 सदस्यों को नहीं मिले एक भी रुपए, मुख्यमंत्री से हुई जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला सीईओ की शिकायत
कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ की भूमिका पर जिला पंचायत सदस्यों ने उठाए सवाल
छतरपुर। यह बात सभी को ज्ञात है कि इस बार जो जिला पंचायत के चुनाव हुए हैं उसमें कितना धनबल का उपयोग किया गया। अध्यक्ष पद पाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए। चुकी अध्यक्ष का पद सामान्य महिला वर्ग से था इसलिए कई दिग्गज उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। उसने से बाजी वही मार ले गया जिसने जितना ज्यादा पैसा खर्च किया, अब पैसा खर्च किया है तो उसे वसूल भी करना है। तो शासन के द्वारा विकास कार्यों के लिए आए पैसे को ठिकाने लगाने के लिए प्रयास शुरू हो गए है। हाल ही में एक बड़ा बजट शासन द्वारा जिला पंचायत को स्वीकृत किया गया है इसमें एक बड़ी राशि जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने निजी ग्राम और अपने वार्ड में खर्च करने के लिए स्वीकृत करा ली है। जबकि जिले के दो अन्य वार्डों को छोड़कर किसी भी वार्ड में एक रुपए भी नहीं दिया गया है। इसकी शिकायत जिला पंचायत सदस्यों ने मुख्यमंत्री से की है।

क्या जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके परिजनों के दबाव में है प्रशासन ?
गौरतलब है कि जिला पंचायत छतरपुर में 22 वार्ड है जहां चुनकर आए निर्वाचित सदस्य को शासन द्वारा प्रतिवर्ष अपने वार्डो के विकास कार्य हेतु राशि आवंटित की जाती है वित्तीय वर्ष 2022–23 में शासन द्वारा छतरपुर जिला पंचायत मैं 5,45,20,000 ( पांच करोड़ पैंतालीस लाख, बीस हजार) रुपए जिले के समस्त वार्डों के विकास कार्य हेतु स्वीकृत किए गए थे। इससे पूर्व बैठक में सभी सदस्यों ने अपने-अपने वार्डों में निर्माण कार्य एवं वार्डो के विकास हेतु स्वयं के लेटर पैड पर लिखकर सभाकक्ष में जिला पंचायत सीईओ एवं समस्त सूची सौंपी थी । जिसके अनुरूप सभी सदस्यों को वार्डो के विकास कार्य हेतु पैसा आवंटित किया जाना था। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति विद्या अग्निहोत्री और सीईओ जिलापंचायत ने मिलीभगत कर शासन द्वारा दी गई राशि में से 5 करोड़ 30 लाख 20 हजार रुपए जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुमोदित कर दी।

2 चहेते वार्डो को साढ़े सात लाख, 19 सदस्यों को में कुछ नही
छतरपुर जिला पंचायत में कुल 22 वार्ड हैं वर्ष 2022–23 वार्डों के विकास कार्य हेतु आवंटित राशि में से सिर्फ गुलगंज और सरबई को 7,50000 (साढ़े सात लाख) रुपए अनुमोदित करने जोड़े गए है। जबकि जिला पंचायत के अन्य 19 वार्डो कोई राशि आवंटित नही की गई है। जिससे जिला पंचायत सदस्य नाराज है। नाराज सदस्यों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष व उनके परिजन तानाशाही करने में लगे हुए हैं जिले के विकास के लिए आए पैसे को अपना हक जमाना चाहते है। जिले के अधिकारी भी उनकी धनबल और बाहुबल के आगे नतमस्तक हो चुके हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो शीघ्र ही सभी सदस्य मिलकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे।
कार्ययोजना में नहीं शामिल किए गए अन्य जिला पंचायत सदस्यों के कार्य
15वें वित्त की राशि जिन कार्यों में खर्च की जानी है उनमें से कार्य योजना में ऐसे कार्यों को शामिल किया गया है जो पूर्व में हो चुके हैं जिनका भुगतान भी पूर्व में किया जा चुका है जिला पंचायत सदस्यों के विरोध करने के बावजूद भी कार्य योजना में संशोधन नहीं किया जा रहा है सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह की कार्य योजना कैसे तैयार की गई जबकि सभी सदस्यों ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए अलग अलग से सूची जिला पंचायत में सौंपी थी। इसके बावजूद उन कार्य को कार्य योजना में शामिल नहीं किया गया जो कार्य योजना में कार्य शामिल किए गए हैं उनमें सबसे अधिक कार्य जिला पंचायत अध्यक्ष के निज ग्राम ढिकौली और उनके निर्वाचित क्षेत्र के हैं इनमें से अधिकतर कार्य पूर्व में संपूर्ण हो चुके हैं।
आधा दर्जन से अधिक सदस्यों ने की शिकायत
15वें वित्त में जारी की कार्ययोजना में अनुमोदित हुए कार्यों की जानकारी जिला पंचायत सदस्यों को जबसे लगी है लगभग 1 दर्जन से अधिक जिला पंचायत सदस्य इसकी शिकायत कर चुके हैं। जिला पंचायत सदस्यों ने 17 अप्रैल 2023 को सीईओ जिला पंचायत छतरपुर को शिकायती आवेदन सौपा था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने के बाद फिर 02 जून 2023 को मुख्यमंत्री के नाम शिकायती आवेदन दिया है। शिकायत करने वाले सदस्यों में देवीदयाल अहिरवार, कामता प्रसाद अहिरवार, श्रीमति पार्वती राजपूत, श्रीमति सबिता पटेल, श्रीमति अभिलाषा अहिरवार, रविन्द्र कुमार पटेल, श्रीमति प्रीति यादव, श्रीमति कमलेश सिंह यादव, अशोक पटेल, श्रीमति माना पाल, श्रीमति ममता कुशवाहा, शशिकांत शुक्ला, श्रीमति सविता पटेल, श्रीमति खेमाबाई अहिरवार प्रमुख है ।
