गाँव की गाथा: जहाँ आत्मनिर्भरता कोई योजना नहीं, जीवन दर्शन बन गई
भारत के नीति-निर्माण गलियारों में ‘आत्मनिर्भरता’ शब्द आजकल बहुत चर्चित है, लेकिन उसकी असल परिभाषा अक्सर शहरों की रिपोर्टों में खो जाती है। फिर भी, देश के दूर-दराज़ हिस्सों में कुछ ऐसी कहानियाँ गढ़ी जा रही हैं, जहाँ यह विचार केवल सरकारी बुलेटिन का हिस्सा नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की हकीकत बन चुका है। छत्तीसगढ़ के … Read more