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Thursday, September 21, 2023, 4:47 pm

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प्रतिदिन 200 से ज्यादा शिकायतें, 50 का भी निराकरण नहीं पुराने तार, जर्जर ट्रांसफार्मर से निर्मित हो रहा बिजली संकट

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पुराने तार, जर्जर ट्रांसफार्मर से निर्मित हो रहा बिजली संकट

शहर के कई इलाकों में घंटों तक अंधेरा, लोग परेशान

छतरपुर। लगातार आबादी के लिहाज से विकसित हो रहे छतरपुर शहर में बिजली सुधार के पुराने साधन कम पडऩे लगे हैं। भीषण गर्मी का दौर शुरू होते ही जैसे ही बिजली की खपत बढ़ी शहर के कई इलाकों में उपकरणों के खराब होने के कारण हा-हा कार मच गया। शहर का शुक्लाना मोहल्ला 36 घंटे तक अंधेरे में रहा। यही हालत चौबे कॉलोनी, सीताराम कॉलोनी के एक हिस्से में दिन भर बनी रही। शहर के 20 से ज्यादा वार्ड ऐसे हैं जहां दिन भर वोल्टेज कम रहने की समस्या बनी हुई है। बिजली संकट की यह तस्वीर लोगों को परेशान कर रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है बिजली के सुधार कार्यक्रम में गड़बड़ी।


जानकारी के मुताबिक इन दिनों प्रतिदिन औसतन 150 से 200 शिकायतें विद्युत कार्यालय में पहुंच रही हैं। लगभग 50 से ज्यादा शिकायतें प्रतिदिन जबलपुर के टोल फ्री नंबर पर भी होती हैं। इन शिकायतों में ज्यादातर शिकायतें बिजली कटौती, कम वोल्टेज और ट्रांसफार्मर व केबिल के जल जाने की होती हैं। विभाग के सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में हमारे पास जो संसाधन है उन संसाधनों और स्टाफ की मदद से हम अधिकतम 50 शिकायतों का निराकरण ही एक दिन में कर पाते हैं। शेष शिकायतों का निराकरण अगले दिन होता है इस कारण से शिकायतें लंबित हो रही हैं और विद्युत सुधार में देरी लग रही है।

न पर्याप्त स्टाफ, न साधन, सुधार सामग्री भी गायब
विद्युत विभाग के सूत्र बताते हैं कि विद्युत असुविधा के समय समस्याओं के निराकरण के लिए विभाग के पास 24 घंटे के लिए 3 गाडिय़ां होती हैं। इनमें दो गाडिय़ां दिन के समय काम करती हैं जबकि एक गाड़ी रात के समय काम करती है। ज्यादातर समस्याएं रात के समय निर्मित होती हैं लेकिन उस समय स्टाफ कम होता है इसलिए सुधार कार्य में देरी होती है। शहर के घनी बस्ती इलाकों में वर्षों पुराने केबिल, ट्रांसफार्मर और विद्युत उपकरण लगाए गए हैं। इन ट्रांसफार्मर पर हर वर्ष विद्युत उपकरणों का लोड बढ़ रहा है लेकिन ट्रांसफार्मर की संख्या व केबिल का नवीनीकरण कई वर्षों से नहीं सुधर रहा। इसी कारण यह समस्या आए दिन निर्मित हो रही है।
44 डिग्री तापमान, 7 लाख यूनिट तक पहुंची खपत
दरअसल बिजली से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए एक सबसे बड़ा कारण भीषण गर्मी भी है। जिले का तापमान 44 डिग्री के आसपास है। इन हालातों में कूलर और एयर कंडीशनर के साथ-साथ अन्य विद्युत उपकरणों की संख्या और उनका उपयोग तेजी से बढ़े हैं। आमतौर पर छतरपुर शहर के 44500 उपभोक्ता एक दिन में 3 लाख यूनिट बिजली खर्च करते हैं लेकिन गर्मियों में यह खर्च 7 लाख यूनिट के करीब पहुंच गया है। लोड बढऩे के कारण पावर स्टेशन पर मौजूद उपकरण गर्म हो रहे हैं। ट्रांसफार्मर और केबिल में आग लग रही है। यही वजह है कि आए दिन हादसे होने के चलते बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ती है।

विभाग किस तरह कर रहा सुधार ?
छतरपुर शहर में विद्युत विभाग के मेंटीनेंस प्रभारी राजकुमार लोधी ने बताया कि अत्यधिक लोड बढऩे के कारण तकनीकी समस्याओं के चलते थोड़ी बहुत बिजली की शिकायतें बढऩा लाजमी है। हम फिर भी प्रयास कर रहे हैं कि समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाए। इसके लिए बकायन पावर स्टेशन के साथ-साथ एक और छोटा पावर स्टेशन 7 दिन में तैयार कर रहे हैं। एक योजना के तहत व्यवसायिक और घनी बस्ती इलाकों में केबिल का नवीनीकरण किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लाइनमैन और मीटर रीडर शहर में बुलाए गए हैं ताकि सुधार कार्यों में तेजी लाए जाए। शिकायत शाखा में फोन उठाने के लिए दिन में चार लोग और रात के समय दो लोग बैठाए गए हैं ताकि कोई ये न कहे कि शिकायतें नहीं सुनी जा रही हैं। दिन के समय दो गाडिय़ां और रात के समय एक गाड़ी व दो बाईक पर मौजूद सुधारकर्मी तत्पर रहते हैं। स्टाफ ओवरटाइम सेवाएं दे रहा है ताकि जनता को कम से कम परेशान होना पड़े। जनता से हमारी अपील है कि बिजली की बर्बादी को रोकें, बिजली सुधार कार्य के दौरान धैर्य रखें, स्टाफ के साथ अभद्रता न करें, हम कोई भी घोषित या अघोषित कटौती नहीं कर रहे हैं।

Canon Times
Author: Canon Times


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