क्या भारत की विदेश नीति अब व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं का औजार बन गई है?
“कूटनीति, विज्ञापन नहीं होती; यह राष्ट्रहित की ठोस रणनीति होती है।” हेनरी किसिंजर की यह सोच आज के भारत पर पूरी तरह लागू होती दिख रही है। बीते एक दशक में भारत की विदेश नीति में जितनी चकाचौंध दिखाई गई है, उतनी ही गंभीर दिशाहीनता भी नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल … Read more