छत्तीसगढ़ की धरती पर एक नई सुबह ने दस्तक दी है — यह सुबह है आत्मनिर्भर ऊर्जा की, पर्यावरणीय चेतना की और सामाजिक पुनरुत्थान की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के माध्यम से राज्य के ऊर्जा भविष्य को एक नई दिशा दी है। यह योजना मात्र बिजली उत्पादन का माध्यम नहीं, बल्कि हर नागरिक को ऊर्जा का भागीदार और निर्माता बनाने की एक क्रांतिकारी पहल है।
अब सूरज केवल उगता नहीं, कमाता भी है। योजना के अंतर्गत हर पात्र परिवार को उनकी छत पर सोलर पैनल लगाने का अवसर मिल रहा है, जिससे उन्हें हर माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त, अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर परिवार आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल बिजली बिल से राहत देता है, बल्कि एक नया आय स्रोत भी उत्पन्न करता है।
इस क्रांति की सबसे बड़ी विशेषता है दोहरी सब्सिडी प्रणाली — जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर सोलर संयंत्रों (1 से 3 किलोवाट) की लागत को न्यूनतम बना रहे हैं। इससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार भी अब अपनी छत पर ‘निजी ऊर्जा स्टेशन’ स्थापित कर पा रहे हैं। यह पहल वास्तव में ऊर्जा को अमीरों की पहुंच से निकालकर आम जन की मुट्ठी में सौंपने जैसी है।
छत्तीसगढ़ सरकार की दूरगामी योजना है कि 2047 तक राज्य की 45% ऊर्जा जरूरतें हरित ऊर्जा से पूरी हों। यह लक्ष्य सिर्फ तकनीकी विकास नहीं, बल्कि कार्बन मुक्त भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी राज्य अग्रणी भूमिका निभाएगा।
योजना का असर केवल पर्यावरण पर ही नहीं, बल्कि रोज़गार और आर्थिक विकास पर भी पड़ा है। सौर ऊर्जा से जुड़ी नई नौकरियों — जैसे निर्माण, इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और प्रशिक्षण — से स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसर खुले हैं। इससे राज्य में हरित उद्यमिता को भी बढ़ावा मिला है।
हर छत पर लगे सौर पैनल न केवल रोशनी दे रहे हैं, बल्कि आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और भविष्य की उम्मीद भी जगा रहे हैं। बिजली अब एक सेवा नहीं, बल्कि एक साझा संपत्ति बन चुकी है — जहां उपभोक्ता अब उत्पादक भी है।
निष्कर्षतः,
‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ छत्तीसगढ़ में ऊर्जा स्वराज की नींव रख रही है। यह योजना न सिर्फ छतों को चमका रही है, बल्कि सोच को भी रोशन कर रही है। यह एक ऐसा बदलाव है जो आने वाली पीढ़ियों को न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा देगा, बल्कि स्वच्छ सोच और सशक्त भविष्य की गारंटी भी बनेगा।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
Authentic news.

