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Sunday, June 22, 2025, 10:34 am

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उत्तराखंड में सौर ऊर्जा से बदल रही है स्वरोजगार की तस्वीर

सौर सखी
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उत्तराखंड में सौर ऊर्जा से बदल रही है स्वरोजगार की तस्वीर, मुख्यमंत्री ने ‘सौर सखी’ अभियान की शुरुआत की

देहरादून | 30 मई 2025:
उत्तराखंड सरकार ने सौर ऊर्जा को राज्य में रोजगार का सशक्त माध्यम बनाने की दिशा में एक और ठोस कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘मुख्य सेवक संवाद’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों और विकासकर्ताओं के साथ सीधा संवाद किया। कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में किया गया।


सौर ऊर्जा में महिलाओं को मिलेगी नई पहचान — “सौर सखी”

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि योजना से जुड़ी महिलाओं को “सौर सखी” के नाम से पहचाना जाएगा। यह कदम महिलाओं को ऊर्जा क्षेत्र में न सिर्फ भागीदारी देने, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।


हर जिले में तकनीकी प्रशिक्षण, गांव-गांव तक रोजगार

योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार प्रत्येक जनपद में सौर ऊर्जा संयंत्रों के संचालन एवं रखरखाव के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगी। इससे ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर कौशल और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।


योजना की खास बातें:

  • महिलाएं, अनुसूचित जाति/जनजाति, और दिव्यांगजन को अतिरिक्त 5% सब्सिडी
  • संयंत्र स्थापित करने के लिए ऋण पर 4% ब्याज सब्सिडी
  • यूपीसीएल के साथ 25 वर्षों तक बिजली खरीदने का अनुबंध (PPA)
  • आवेदन से लेकर स्वीकृति तक की प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी

2027 तक 2500 मेगावाट सौर उत्पादन का लक्ष्य

सीएम धामी ने बताया कि राज्य पहले ही 250 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन हासिल कर चुका है और वर्ष 2027 तक इसे 2500 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत भी छतों पर सौर संयंत्र लगाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।


जनता की आवाज से मिले अहम सुझाव

मुख्यमंत्री के साथ संवाद के दौरान कई जिलों के प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए:

  • उत्तरकाशी से शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि यह योजना बंजर भूमि को उपयोगी बना रही है
  • चमोली से विकास मोहन ने योजना को और अधिक प्रचारित करने की बात कही
  • पौड़ी से रूपा रानी ने महिला केंद्रित योजनाओं की आवश्यकता पर ज़ोर दिया
  • चम्पावत से केतन भारद्वाज ने सोलर मेंटेनेंस के लिए प्रशिक्षण की जरूरत बताई

स्थानीय उत्पादों को ब्रांड बनाने की दिशा में काम

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के तहत स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिला रही है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से पर्वतीय उत्पादों को नई पहचान मिल रही है।


प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की हरित ऊर्जा क्रांति


उपस्थित प्रमुख अधिकारी:

  • आर. मीनाक्षी सुंदरम – प्रमुख सचिव
  • रंजना राजगुरु – निदेशक, उरेडा
  • संदीप सिंघल – प्रबंध निदेशक, यूजेवीएनएल

 


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