भोपाल, 28 फरवरी, 2024 मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जारी बयान मे कहा है कि हाल ही में मौसम में हुए बदलाव ने मध्यप्रदेश में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, प्रदेश के कई हिस्सों में सोमवार से मंगलवार रात तक तेज हवा, बारिश के साथ गिरे ओलों ने खेतों में गेहूं, चना और सरसों की फसल को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं. कुछ जिलों में खेतों में कटी रखी फसल पानी में डूब गई, किसानों को आशंका है कि अब दाने काले पड़ सकते हैं, प्रदेश सरकार को इसका संज्ञान लेकर पीड़ित किसानों को राहत पैकेज जारी करना चाहिए।
श्री पटवारी ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि मंगलवार शाम तक भोपाल, सतना समेत प्रदेश के 10 जिलों में तेज बारिश, आंधी चली और ओले गिरे, सबसे ज्यादा छतरपुर जिले के नौगांव और सतना में एक इंच पानी गिरा, रीवा में पौन इंच, भोपाल, रायसेन और सीधी में आधा–आधा इंच से अधिक बारिश हुई. उज्जैन, शाजापुर, बैतूल, रायसेन, खजुराहो में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश, आंधी और ओले गिरने का अनुमान जताया है। उधर, पचमढ़ी, शिवपुरी में भी फसलों के लिहाज से काफी बारिश हुई है। खजुराहो में ओलों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। नर्मदापुरम के इटारसी, डोलरिया, पतलई और सिवनी मालवा में ओले गिरे हैं। इटारसी के मैदानों में 50 ग्राम तक के ओले बिछने की जानकारी है, खंडवा में हरसूद और छनेरा तहसील के 10 से ज्यादा गांव ओलों से प्रभावित हुए हैं. हरसूद तहसील के कुछ गांवों में फसलों को 100% नुकसान की बात सामने आ रही है। बैतूल में शाहपुर, भौंरा, चिचोली में जोरदार बारिश से खेत में खड़ी और काट कर रखी फसलों को नुकसान हुआ है।
श्री पटवारी ने मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव से अनुरोध किया कि संकट की इस गंभीर घड़ी में किसानों की मदद के लिए तत्काल “प्रभावी और परिणामदायक सर्वे” की घोषणा करें, मुख्यमंत्री कार्यालय से सर्वे की लगातार निगरानी भी की जाए, ताकि पूर्व में होते रहे सर्वे की तरह यह सर्वे भी महज औपचारिकता की भेंट नहीं चढ़ जाए। यदि भाजपा सरकार वास्तव में किसानों की मदद करना चाहती है तो नियमित रूप से हो रहे सर्वे की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किसानों से साझा भी की जाए। इसके साथ ही महत्वपूर्ण मसला है राहत के तहत दिए जाने वाले मुआवजे का। क्योंकि, किसानों के पुराने अनुभव यही बताते आ रहे हैं कि सरकार द्वारा घोषित सर्वे बहुत धीमा होता है। जब अंतिम रिपोर्ट सामने आती है, तब तो बहुत देर हो जाती है, मुआवजे की प्रक्रिया भी बहुत धीमी रहती है, इससे भी प्रभावित होने वाले किसानों को राहत मिलने में बहुत समय लग जाता है। इसलिए सरकार को त्वरित कार्रवाई कर किसानों को राहत पंहुचाना चाहिए।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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