महाराज छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुआ व्यापम जैसा घोटाला
पर्चे में जिन नामों का था उल्लेख, उन्हीं का हो गया चयन, मेरिट में आए एक ही परिवार के चार लोग
छतरपुर। छतरपुर के महाराज छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चपरासी, चौकीदार की भर्ती में घोटाला कर दिया गया है। भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत में जिन लोगों के चयन को लेकर पर्चे बांटे गए, उन्ही लोगों ने लिखित परीक्षा में टॉप किया है। परीक्षा के 16 दिन पहले विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष समिति ने चयनित उम्मीदवारों के नामों का खुलासा किया मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पर्चे बांट कर किया था। अब परीक्षा और परिणाम आने के बाद उन्ही उम्मीदवारों ने परीक्षा में टॉप किया है। दो हजार लोगों ने चपरासी और भृत्य के कुल सोलह पदों के लिए फॉर्म भरे, लेकिन परीक्षा में सर्वाधिक नंबर उनके आए, जिनके चयन को लेकर पर्चा तक बांट दिया गया था। कुलपति थापक का कार्यकाल 20 जून को समाप्त हो गया। 18 जून को 16 पदों की भर्ती के लिए परीक्षा कराई। 19 को रिजल्ट घोषित कर दिया। मजे की बात यह है कि दो जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के छतरपुर आगमन पर उनका यूनिवर्सिटी में दौरा हुआ था। वहां भर्ती में घोटाले को लेकर पर्चा बंटा था। इसके बाद आनन फानन में परीक्षा की डेट बढ़ाकर 4 जून से 18 जून कर दी गई थी। उस पर्चे में जिसके चयन का उल्लेख है, उसी व्यक्ति अभिषेक और उसके सगे भाई अमित तिवारी ने परीक्षा में टॉप किया है। इसके परिवार के दो अन्य सदस्यों के भी लिखित परीक्षा में सर्वाधिक नंबर है। यानी एक ही तिवारी परिवार के चार लोग चुने जाना तय है। जबकि सामान्य वर्ग के कुल छह पद हैं। ये चारों कैंडिडेट संघ में पदस्थ पदाधिकारी राजेंद्र तिवारी के सगे रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। इसके अलावा दो अन्य कैंडिडेट एक कार्य परिषद सदस्य निर्मला नायक के और दो अन्य परीक्षा नियंत्रक और कांग्रेस पूर्व विधायक गुट के हैं। यानी भर्ती आरएसएस के पदाधिकारी और एक कांग्रेस नेता मिलकर कर रहे हैं। यह तालमेल इसलिए बैठाया गया, ताकि कांग्रेस के लोग भर्ती का विरोध न करें, इसके साथ सूची में उच्च शिखा मंत्री के ओएसडी पीएन यादव के भी दो यादव कैंडिडेट हैं। ये मंत्री जी का कोटा बताया जा रहा है। शर्मनाक पहलू यह है कि जिस परीक्षा को डेढ़ हजार लोगों ने दिया, उसमे चयन उनका किया गया, जो पहले से फिक्स थे। तो क्या यह किसी व्यापम घोटाले से कम है। बस इस घोटाले में कांग्रेस के एक पूर्व विधायक का नाम भी सामने आ रहा है, क्योंकि परीक्षा नियंत्रक की नौकरी उनकी लगवाई है। सूत्र बताते हैं कि परीक्षा में सर्वाधिक अंक वाले छात्रों को पेपर पहले ही उपलब्ध करवा दिया गया था। उनकी ओएमआर शीट अलग से जांची गई है।
![](https://canontimes.com/wp-content/uploads/2023/05/Canon-times-logo.jpg)
![This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)](https://canontimes.com/wp-content/uploads/2023/04/155-1_uwp_avatar_thumb.png)
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
Authentic news.