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Saturday, July 19, 2025, 2:14 am

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प्रधानमंत्री मोदी ने G7 सम्मेलन में दिया मानवता का संदेश, ऊर्जा सुरक्षा और आतंकवाद पर रखे तीखे सवाल

G7
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लिया। ‘ऊर्जा सुरक्षा: विविधीकरण, तकनीक और अवसंरचना के माध्यम से सुलभता और वहनीयता सुनिश्चित करना’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत की ऊर्जा नीति, तकनीकी दृष्टिकोण और मानवता की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दृढ़ता से रखा।

ऊर्जा सुरक्षा में भारत का संतुलित दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि भारत की नीति चार स्तंभों—उपलब्धता, पहुँच, वहनीयता और स्वीकार्यता—पर आधारित है। भारत, जो आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, ने अपने पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर लिया है।

भारत की हरित और सतत भविष्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा-प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन, वैश्विक जैवईंधन गठबंधन, मिशन LiFE और ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ जैसी पहलों की चर्चा की और वैश्विक समुदाय से इनके सशक्तिकरण का आग्रह किया।G7

वैश्विक दक्षिण की आवाज बना भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी संघर्षों और अनिश्चितताओं का सबसे अधिक असर वैश्विक दक्षिण के देशों पर पड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने इन देशों की आवाज़ को विश्व मंच तक पहुँचाने का दायित्व निभाया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वैश्विक समुदाय सतत भविष्य को लेकर गंभीर है, तो उसे वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं और चिंताओं को समझना होगा।

आतंकवाद के विरुद्ध दो टूक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था। उन्होंने आतंकवाद के समर्थन और उसे बढ़ावा देने वाले देशों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और वैश्विक समुदाय को आगाह किया कि:

  • क्या देश आतंकवाद के खतरे को तभी समझेंगे जब वे खुद निशाना बनेंगे?
  • क्या आतंक के शिकार और उसके गुनहगार एक जैसे माने जा सकते हैं?
  • क्या वैश्विक संस्थाएं आतंकवाद पर चुप्पी साधे बैठी रहेंगी?

उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए और जो देश इसे बढ़ावा दें, उन्हें किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन नहीं मिलना चाहिए।

एआई और ऊर्जा: तकनीक में भी चाहिए हरित सोच

प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जहाँ एक ओर नवाचार और कार्यकुशलता को बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह ऊर्जा-गहन तकनीक भी है। उन्होंने सुझाव दिया कि एआई को हरित और टिकाऊ बनाने के लिए वैश्विक रणनीतियाँ आवश्यक हैं।

भारत की मानव-केंद्रित तकनीकी दृष्टिकोण की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी तकनीक तभी सार्थक होती है जब वह आम लोगों के जीवन में बदलाव लाए। उन्होंने एआई से जुड़ी वैश्विक शासन व्यवस्था की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि सुरक्षित और लचीली आपूर्ति श्रृंखला, विशेषकर महत्वपूर्ण खनिजों की, AI युग में अत्यंत आवश्यक है।

अंत में दिया साझा प्रयास का संदेश

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि तकनीक-आधारित इस नई दुनिया में टिकाऊ भविष्य के लिए वैश्विक सहयोग, और लोगों व पृथ्वी को केंद्र में रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज की चुनौतियों का समाधान केवल साझा संकल्प और समर्पण से ही संभव है।

 


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