Explore

Search

Sunday, June 22, 2025, 11:24 am

Sunday, June 22, 2025, 11:24 am

LATEST NEWS
Lifestyle

मातृत्व को सम्मान, सुरक्षा को अधिकार: मिनीमाता महतारी जतन योजना की नई दिशा

मिनीमाता महतारी जतन योजना
Share This Post

जब समाज की बुनियाद कमजोर होती है, तो सबसे पहले उसकी महिलाएं और बच्चे संकट में आते हैं। और जब कोई नीति इन दो सबसे संवेदनशील वर्गों को केंद्र में रखती है, तो वह सिर्फ योजना नहीं रहती — वह परिवर्तन का बीज बन जाती है। छत्तीसगढ़ की मिनीमाता महतारी जतन योजना ऐसी ही एक पहल है, जो मातृत्व को केवल एक जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और आर्थिक सुरक्षा का विषय मानती है।


अनुराधा की कहानी: एक महिला, एक माँ, एक उम्मीद

रायपुर की संकरी गलियों से उठती अनुराधा की कहानी कोई असामान्य नहीं — लेकिन उसका संकल्प असाधारण है। पति की गैरज़िम्मेदारी, सीमित संसाधन, और श्रमिक जीवन की कठोरता के बीच जब वह दूसरी बार गर्भवती हुई, तो भी उसने काम नहीं छोड़ा। उसने सिर्फ बच्चा नहीं जन्म दिया, उसने साहस को जन्म दिया।

और यहीं पर सरकार का दायित्व सामने आता है। बच्चे के जन्म के 90 दिनों के भीतर जब अनुराधा के खाते में श्रम विभाग द्वारा ₹20,000 की मातृत्व सहायता राशि ट्रांसफर की गई, तो वह न केवल आर्थिक राहत थी, बल्कि यह सामाजिक मान्यता भी थी कि अनुराधा अकेली नहीं है — राज्य उसके साथ है।


मातृत्व को समर्थन नहीं, संबल चाहिए

भारत में अनौपचारिक श्रमिक महिलाएं दोहरी लड़ाई लड़ती हैं — एक घर में, दूसरी काम पर। उनकी मातृत्व यात्रा अक्सर सुविधाओं और सुरक्षा के अभाव में तय होती है। मिनीमाता महतारी जतन योजना इस हाशिए पर खड़े वर्ग के लिए सामाजिक सुरक्षा की एक नई परिभाषा पेश करती है।

यह योजना केवल पैसे देने का माध्यम नहीं है — यह मातृत्व के सम्मान, नवजात की सुरक्षा, और महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं, और प्रसवोत्तर देखभाल जैसे आयामों को समेटती यह योजना, महिला को एक समग्र सामाजिक नागरिक के रूप में स्वीकार करती है।


नीति नहीं, संवेदनशीलता हो आधार

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थापित सीएम हेल्पलाइन और श्रम संसाधन केंद्र केवल सूचना तंत्र नहीं, सशक्तिकरण के प्रवेशद्वार हैं। यह उदाहरण हैं कि जब सरकार योजनाएं लैंगिक दृष्टिकोण से डिज़ाइन करती है, तब वे समाज के अंतिम व्यक्ति तक असर छोड़ती हैं।

मातृत्व लाभ जैसी योजनाएं न केवल महिला को वित्तीय रूप से सक्षम बनाती हैं, बल्कि पुरुष-प्रधान सोच में भी संतुलन का बीज बोती हैं — जहां काम और देखभाल की ज़िम्मेदारी साझा हो।


अंत में: मातृत्व का सम्मान, समाज की उन्नति

मिनीमाता महतारी जतन योजना हमें यह याद दिलाती है कि सशक्त समाज की पहली पहचान उसकी माताओं की सुरक्षा है। अनुराधा की तरह हर महिला जो आज संघर्ष कर रही है, वह कल की शक्ति है — बस जरूरत है भरोसे, सम्मान और सहारे की।

यदि हम एक ऐसा भारत चाहते हैं जो विकसित हो, तो हमें पहले एक ऐसा भारत बनाना होगा जो मातृत्व का सम्मान करता हो, महिलाओं को केंद्र में रखता हो, और हर जीवन की शुरुआत को गरिमा देता हो।

क्योंकि जब एक माँ सुरक्षित होती है, तब एक पीढ़ी मजबूत बनती है।

 


Share This Post

Leave a Comment