भोपाल, 14 फरवरी 2024: भगवान की दृष्टि में सभी जीव बराबर है भगवान अपने भक्तों में कभी भेदभाव नहीं करते। और यदि कोई भगवद् भक्तों का तिरस्कार करता है तो वह दण्डनीय अपराध करता है। इस समय महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर समेत तमाम भारत के मंदिरों में भगवान के दर्शन को आये भक्तों के साथ जो पक्षपात होता है वह निंदनीय है। टिकिठ के शुल्क तय कर दिये गये है, जो शुल्क देता है उसे वी.आई.पी दर्शन और जो गरीब है वह घंठो लाईन में खडे रहने के बाद भी भगवान की एक झलक भी ढंग से नहीं देख पाता और उसे खडे सरकारी कर्मचारी धक्का मारकर अलग कर देते है। रोज दर्शनार्थियों के साथ दुर्व्यहार किया जाता है क्योंकि उन्होने टिकट नहीं लिया होता। उन्हे भगवान के सामने अकिजूचन बनाकर पक्षपात कर धार्मिक भावना को आहत किया जा रहा है।
अतः भगवान के सम्मुख यह पक्षपात बंद कर वीआईपी दर्शन सिस्टम बंद कर जैसे पूर्ववत दर्शन होते थे वैसे ही निःशुल्क दर्शन लाभ भक्तों को मिलना चाहिए।
भारत के सभी मंदिरों में भक्त अपनी श्रद्धानुसार बढ़ चढकर दान देते है ऐसे में टिकट लगाना वो भी भगवान के दर्शन के लिये सर्वथा अनुचित है।
भगवान ने यह सृष्टि निर्माण सभी के लिए एक समानता के भाव से की है। पर कुछ दुर्बुद्धि कलियुग के प्रभाव मे आकर मानव समझ मे पहले जान-पान, फिर धर्म के नाम पर और अब अमीर-गरीब की खाई बनाकर पक्षपात कर रहे है।
सनकादि ऋषियों को भी जय-विजय ने भगवान् के दर्शन से वंचित किया और उसका दुष्परिणाम श्राप के रूप मे 3 जन्मों तक राक्षस भोगना पड़ा।
हम नहीं चाहते की वर्तमान सरकार मे पदासीन धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले दुर्गति को प्राप्त हो अतः उन्हें भगवान् के भक्तों को बिना भेद-भाव के निशुल्क दर्शन करने देना चाहिए।
हमारी मांग :
1. मंदिरों में वी.आई.पी दर्शन और टिकिठ शुल्क बंद किए जाए, मानव समाज के सभी भक्तों को एक समान ही निःशुल्क दर्शन लाभ सुगमता से बिना दुर्व्यहार के भारत के समस्त मंदिरों में मिले।
2. गौ माता की जय हो। गौ हत्या बंद हो।
इस नारे के बिना कोई भी धार्मिक कृत्य पूरा नहीं होता अतः हिन्दु हितैषी और धर्महितेषी पार्टी जो सत्ता में है वह पूर्णतः गौ हत्या को प्रतिबंधित करे और सड़को पर चल रही गौओ के संरक्षण के पुख्ता इंतजाम करे। गौ माता को राषट्रीय माता घोषित अधिकारिक रूप से किया जाए।
3.नए मंदिरों के कोरिडोर में जो वृक्षों की अंधाधुंध कठाई चल रही है, उसके चार गुना वृक्षारोपण कही नही किया जा रहा है उस तरफ, सरकार विशेष ध्यान देकर वृक्षारोपण और संरक्षण का प्लान तैयार करें।
4. मठों में रहे मंदिरो को सरकार ने अधिकृत कर अपनी आय का साधन बना लिया है और पूजा पद्धति का निर्वाहन नहीं हो रहा सिर्फ धर्म से खिलवाड़ किया जा रहा है।
अतः मठाधीश महंतों को अखाडो को अपने आराध्य की पूजा का अधिकार दिया जाए।
5. आयोध्या उज्जैन, रामपथगमन मार्ग, विश्वनाथ के कोरिडोर निर्माण में हजारों वर्ष प्रुराने मंदिरों को तोड़ा गया व मूर्तियो को क्षत-विक्षत कर मलबे में डाल दिया गया। जिन अधिकारियों की लापरवाही में किया गया उन्हे कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर दण्डित किया जाये।
वृन्दावन का सुपर कोरिडोर बनाने से पहले स्थानीय अवस्थित मंदिर व मूर्तियों के विस्थापन की व्यवस्था तय की जाए और वहाँ रहने वाले रहवासियों को भी अन्य कही स्थान रहने के लिये दिया जाए। व अभी भी जो बने हुए कारिडोर के रहवासी संघर्ष कर रहे है, अपनी छाया के लिये उन्हें रहने की जगह स्रुनिश्चित की जाए।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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