मामला मध्य प्रदेश जिला शिवपुर भ्रष्टाचारी करप्शन का
मध्य प्रदेश जिला शिवपुर जल संसाधन विभाग का मामला सामने आया है किसान बोल रहे हैं योजना फेल हो गई किसान ने आरोप लगाया है योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई जिसका कारण रहा पनपता हुआ भ्रष्टाचार करप्शन जल संसाधन विभाग के स्टाफ की कमी होने का कारण भी रहा है उपयंत्री को एसडीओ प्रभार देकर कार्य कराए गए तथा टाइम कीपर को बिना सिविल बिना डिप्लोमा बिना अनुभव उपयंत्री के प्रभार दिए गए उनसे एमबी ग्राफ एमबी भरवाई गई पूरा खेल ग्वालियर हेड ऑफिस मुख्य अभियंता के कार्यकलाप द्वारा चल रहा है वर्तमान में अभी वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं सुनने में आया है वापिस फिर उन्हें ही मुख्य अभियंता ग्वालियर चार्ज पर पुनः वापस लिया जा रहा है उन्हीं के निर्देशों पर कार्य चल रहा है ऐसा शिवपुर जिला डिवीजन कार्यपालन यंत्री का कहना है मेरे यहां से किसी को प्रभारी एसडीओ का कार्य नहीं दिया गया ना प्रभारी उपयंत्री यों का कार्य दिया गया है यह सब ग्वालियर मुख्य अभियंता के यहां से चल रहा है जल संसाधन विभाग उपखंड शिवपुर में एक टाइम कीपर फर्जी दस्तावेजों से कई सालों से विभाग में सेवा कर रहा है अनुकंपा नियुक्ति ताऊ जी की जगह लगा मार्कशीट में पिता का नाम ऐसे लोग उपयंत्री बनकर बैठे हुए हैं तो यह तो करप्शन करेंगे जिले का पूरा जल संसाधन विभाग घोटालेबाज वा करप्शन वाज है सभी उपखंड बड़ौदा उपखंड रोडी उपखंड आंवदा उपखंड क्रमांक-1 शिवपुर उपखंड क्रमांक-2 सोपुर उपखंड आवदा बांध सुरक्षा उप संभाग सभी खंडों में भ्रष्टाचार करप्शन हो रहा है अधिकारियों द्वारा लीपापोती की जा रही है इनसे आरटीआई सूचना के अधिकार के तहत लाकर मांगी जाती है तो यह देने में आनाकानी करते हैं 3 महीने पुरानी आरटीआई आज तक उपलब्ध नहीं कर रहे वह जानते हैं कागजात बाहर आते ही भ्रष्टाचारी में फंस जाएंगे सूक्ष्म परियोजना का परीक्षण तीसरे दिन जल संसाधन विभाग द्वारा जीएम-1 वाह जीएम-2 के द्वारा भाग का परीक्षण किया गया इस दौरान लुंड गांव चंद्रपुरा अजापुरा कोठारी तुलसेफ राम गवडी आदि गांवों में जब टेस्टिंग चल रही थी उसी बीच किशोरपुरा और कुंड हवेली के बीच पाइप लाइन से एकदम पानी निकलने लगा यह देखकर किसान दंग रह गए क्योंकि किसानों के अरमानों पर पानी फिर चुका इसलिए किसान काफी परेशान हो रहे थे इससे खरीफ सीजन में फसलों को पानी की उम्मीद लगाए बैठे किसानों के चेहरे लटक गए और यह योजना फेल होने को लेकर उन्होंने सोच लिया कि यहां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया हालांकि योजना के हिस्से में पानी निकला जल संसाधन विभाग के उपयंत्री का कहना है बाल के पास लगी रबड़ के निकलने का नतीजा बताया और कहा कि उसे ठीक कर दिया है जिसके बाद आज के लक्ष्य तक पानी पहुंचते हुए टेस्टिंग की गई बता दें कि चंबल दायिनी मुख्य नहर दायिनी साइड ही पानी दिया जाता है नतीजा हेड पर होने के बाद भी बाएं तरफ के 50 गांव की करीब 15 हेक्टेयर भूमि असिंचित थी इसे सिंचित बनाने के लिए ग्रामीणों ने आंदोलन खड़ा किया जिले में परिणाम यह हुआ चंबल संभाग की पहली सूक्ष्म इरीगेशन योजना के लिए तैयार हुई थी जिसको साल भर पहले शुरू हो जाना था वह आज तक अधूरी पड़ी हुई थी
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