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Saturday, July 27, 2024, 8:13 am

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अखिल भारती गोंडवाना पार्टी ने जन विश्वास बिल का किया विरोध

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भोपाल. विगत दिवस भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा अपने बहुमत का नाजायज फायदा उठाते हुए लोकसभा में पारित जन विश्वास बिल के उस चैप्टर का जिसमें नकली दवा बनाने वालों को विशेष छूट दी गई है अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी ने कड़ा विरोध किया है. पार्टी की अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भोपाल के समाजसेवी सरदार आर एस सिंह खालसा द्वारा विज्ञप्ति जारी करते हुए आमजन को विश्वास में लिए बगैर उस बिल का नाम जन विश्वास बिल रखने और उसके साथ ही नकली दवा बनाने वालों अपराधियों और इस गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त माफियाओं पर पुराने कानून में किए गए सजा के प्रावधान को समाप्त कर सिर्फ जुर्माने का प्रावधान लागू किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उन्होंने विपक्ष से मांग की है कि संख्या के आधार पर लोकसभा में पास उक्त जन विरोधी बिल को किसी भी हालत में राज्यसभा में पास ना होने दिया जाए. उन्होंने ताजा हवाला देते हुए बताया कि विगत दिवस कोलकाता में ही बड़े ब्रांड की लगभग 2 करोड रुपए की नकली दवाएं जप्त की गई है यही नहीं इन नकली दवाओं को जप्त करने वाले अफसरों को एक तरफ तो केंद्रीय मंत्री पुरस्कृत कर रहे हैं वहीं केंद्र सरकार इन्हीं नकली दवा के निर्माताओं की सजा माफ कर रही है यह कहां का न्याय है. यही नहीं भारत सरकार की पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव का भी यही कहना है कि नकली दवा निर्माताओं के अंदर जब तक सजा का खौफ बरकरार नहीं रहेगा तब तक इस अवैध कारोबार को रोकने की मुहिम कैसे कारगर होगी. और यदि सरकार इन माफियाओं के हित में इतनी अधिक चिंतित ही है तो फिर जुर्माने की रकम को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए क्यों नहीं कर देती. वैसे तो दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम की श्रेणी में रखा गया है और यह दवाएं ना केवल आम जनता की प्राण रक्षा करती हैं बल्कि देश के साधारण से लेकर विख्यात डॉक्टरों की गुणवत्ता को भी प्रमाणित करती हैं फिर नकली दवाओं के निर्माता इन माफियाओं को केंद्र सरकार इतनी भारी-भरकम छूट कैसे देने जा रही है यह समझ से परे है. प्रथम तो केंद्र सरकार को अपनी गलती सुधारते हुए इस बिल को वापस लेना चाहिए अन्यथा विपक्ष को राज्यसभा में एकजुट होकर इस बिल का कड़ा विरोध करते हुए इसे पारित नहीं होने देना चाहिए यही आम जनता के हित में है और यही जन विश्वास है.


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