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Saturday, February 15, 2025, 9:42 pm

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कलेक्टर के निर्देशन में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही शुरू…

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बीएमओ के संरक्षण में सालों से फल फूल रहा झोलाछाप का क्लिनिक प्रशासन ने किया सील

झोलाछाप डॉ. ने बीएमओ पर लगाए आरोप “कुछ दिन पहले ही दिए थे पैसे, अब कार्यवाही कैसे” ?

छतरपुर। कलेक्टर संदीप जी.आर. अपनी कार्यवाहियों को लेकर बेहद संजीदा है। उनके पास जब भी कोई शिकायत पहुंचती है, तो वह तत्परता से कार्यवाही करवाते हैं। हाल ही में छतरपुर सीएमएचओ डॉक्टर लखन तिवारी और जिले भर के बीएमओ के संरक्षण में जिस तरह झोलाछाप डॉक्टर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। उसको लेकर लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। गुरुवार को ईशानगर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर देवदास सिन्हा के क्लीनिक पर प्रशासन ने छापा मार कार्रवाई कर क्लिनिक को सील कर दिया गया। उक्त कार्यवाही में तहसीलदार अरविंद शर्मा, ईशानगर पटवारी अमरदीप रिछारिया, ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र बीएमओ और पुलिस टीम मौजूद रही।

ईशानगर बीएमओ साहू के सुविधा शुल्क के चलते सालों से फल फूल रहे थे झोलाछाप –

वर्ष 2008 से ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ डॉक्टर गिरीश साहू मुख्यालय पर नही रहते, बल्कि छतरपुर में सागर रोड पर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में निवास बनाए है, बीएमओ द्वारा अस्पताल में अधिकतर फर्जी बिल लगाकर भुगतान कराते है। सुविधा शुल्क के चलते 8 वी फेल झोलाछाप डॉक्टर सालो से गरीब जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। क्षेत्र के कई लोगों की जान इन झोलाछाप डॉक्टरो ने ले डाली। बीएमओ के द्वारा कोई उचित कार्यवाही नही की गई, बल्कि अपनी मासिक सुविधा शुल्क लेकर खुला संरक्षण रहा। बीएमओ अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यालय में नही मिलते हैं, और ना ही कभी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करते है। गांव के अधिकतर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लगा रहता है, जो भी वहां का प्रभारी डॉक्टर होता है। वह हफ्ता पंद्रह दिन में जाता है, और अपने हस्ताक्षर करके लौट आता है। क्योंकि बीएमओ द्वारा मासिक सुविधा शुल्क फिक्स है। तभी बी एमओ द्वारा अधिकतर डॉक्टरों की हजिरी प्रतिवेदन पूरे माह का मुख्यालय भेजा जाता है।
ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत हर गांव गली मोहल्ले में कोई ना कोई झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान खोलकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जिले के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्र के बीएमओ को नहीं हो। दरअसल स्वास्थ्य विभाग और नियमों के संरक्षण में ही यह पूरा खेल खेला जा रहा है। ईशानगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉक्टर गिरीश साहू वर्ष 2008 से यहां पदस्थ है। ज्यादातर अपने कार्यक्षेत्र में नहीं रहते है। जिस कारण स्वास्थ्य केंद्र में भी अव्यस्थाएं रहती हैं। इस कारण यहां आने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है। मजबूरन ईलाज कराने आने वाले मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के यहां ईलाज कराने चले जाते है।

झोलाछाप डॉ. ने बीएमओ पर लगाए आरोप “कुछ दिन पहले ही दिए थे पैसे, अब कार्यवाही कैसे” ?

झोलाछाप डॉक्टरों पर कलेक्टर द्वारा कार्रवाई करने के लिए बनाई गई टीम में राजस्व और पुलिस विभाग को शामिल किया गया है। सूत्र बताते है कि इस टीम द्वारा गुरुवार को ईशानगर के जिस झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई की गई। उससे बीएमओ कुछ दिन पहले ही पैसे लेकर गए थे, ये आरोप झोलाछाप डॉक्टर ने लगाए है। जिस वजह से बीएमओ डॉक्टर गिरीश साहू कार्रवाई को बीच में छोड़कर ही भाग गए। जिससे नाराज होकर तहसीलदार ने तुरंत बीएमओ को फोन कर कार्रवाई स्थल पर बुलाया और कार्यवाही पूर्ण होने तक मौके पर उपस्थित रहने को कहा।


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