सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग जिला शिवपुर मध्य प्रदेश आजकल भारत सरकार की डाक रजिस्टर्ड डाक रजिस्ट्री लेने से इनकार कर देते हैं l
भेजने वाले संबंधित को वापस कर देते हैं l उन्हें यह डर रहता है कहीं ना कहीं सिंचाई गृह निर्माण सहकारी समिति तत्कालीन अध्यक्ष कैलाश पाराशर तत्कालीन सचिव विमल तिवारी के संबंध में सदस्यों ने कहीं शिकायत तो नहीं की क्योंकि शासकीय गृह निर्माण सहकारी समिति के अंदर किया गया भ्रष्टाचार घोटाला अनियमिताएं फर्जी रजिस्ट्री फर्जी सदस्यता ग्रहण करना यह सब उसके अंदर हुआ है और इन्हीं के बीच आजकल वर्तमान सहायक आयुक्त ध्रुव कुमार झारिया दोषियों को बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं और उनके फेवर में लिखा पड़ी कर रहे हैं l
कहीं ना कहीं दोषियों ने उन्हें लाभान्वित कर दिया है क्योंकि उनके पत्राचार से और मोबाइल पर चर्चा करने से साफ पता चलता है वह भी भ्रष्टाचार के दलदल में लिप्त हो चुके हैं l जब शुरू में आए थे जिला शिवपुर मैं सहायक आयुक्त बनकर उन्होंने दोषियों के खिलाफ धड़ाधड़ कार्रवाई करी परंतु पिछले चार-पांच माह से वह केवल दोषियों के पक्ष में ही उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं ।
तत्कालीन सचिव विमल तिवारी फर्जी तरीके से वर्ष 2003 में शासकीय सिंचाई गृह निर्माण सहकारी समिति में झूठी जानकारी देते हुए सदस्यता ग्रहण कर बड़े साइज का प्लाट ले लिया (46 बाई 50 का) इसके बाद में वर्ष 2007 में समिति के सचिव बन गए उसके अपने चाचा संतोष तिवारी को बड़े साइज का प्लांट 46 बाई 50 का भू आवंटन करवा दिया l अपने मिलने वालों और रिश्तेदारों तत्कालीन अध्यक्ष दोनों जनों ने मुंह मांगे दामों पर हुआ आवंटन किया संस्था के अंदर हेरा फेरी करके करोड़ों रुपया कमाया गया एक ही प्लांट को दो-दो व्यक्तियों के नाम प्लाट आवंटन किया गया l
जब सिंचाई गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्य पीछे पड़े और उन्होंने ढूंढ निकाला की विमल तिवारी संस्था के अंदर फर्जी तरीके से सदस्यता ग्रहण कर दी है l जबकि वर्ष 2003 में केवल सासाकी सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के लिए प्रावधान था l संस्था के सदस्य बनने का तो इसीलिए विमल तिवारी की सदस्यता फर्जी पाई गई जिसे ध्रुव कुमार झारिया सहायक आयुक्त पत्र के माध्यम से पंजीयन मुद्रक पंजीयन विभाग रजिस्ट्री कार्यालय शिवपुर को पत्र लिखकर बताया गया कि उनकी सदस्यता अवैध पाई गई है और उसे रद्द कर दिया गया है l
आगे की कार्रवाई तक इनके प्लाट रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाती है यह किसी अन्य को रजिस्ट्री नहीं करेंगे परंतु विश्वास सूत्रों से ज्ञात हुआ है उसके बाद भी विमल तिवारी द्वारा अपने प्लाटों को बेचा गया और जिनकी रजिस्ट्री मुद्रक कार्यालय से हो गई है अगर ऐसा हुआ है तो यह एक अवैध करवाई हैl
इसी तरह 16 सदस्य और है यह भी विमल तिवारी की श्रेणी में आते हैं यह सिंचाई विभाग के कर्मचारी नहीं है इन लोगों ने भी फर्जी तरीके से सदस्यता ग्रहण की है l इनकी सदस्यता खत्म की जानी है और इन सब की रजिस्ट्री शुन्य होनी है परंतु यह सब मुद्रक कार्यालय जाकर अपने प्लाटों को बेचकर अन्य किसी को रजिस्ट्री करवाने में लगे हुए हैं और कुछ लोगों ने तो रजिस्ट्ररियां करवा भी दी हैं यह सब अवैध करवाई है l
कई बार जिला कलेक्टर जिला शिवपुर वह वरिष्ठ कार्यालय की संज्ञान में यह मामला ला दिया गया परंतु उसके बाद भी किसी ने भी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी जिला शिवपुर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका हैl आज जिला शिवपुर मैं पूर्ण तरह भ्रष्टाचार चरम सीमा पर छाया हुआ है और दीमक की तरह खोखला कर रहा है शहर को।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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