आजकल हमारा देश एक अजीब समस्या का सामना कर रहा है और इसके लिए उत्तरदाई रेल मंत्रालय हैl
आए दिन इंटरलॉकिंग के समाचार सुनते हुए पढ़ते हुए पता चलता है कि देश में कभी भी कहीं भी 10 से 15 ट्रेन स्थगित कर दी गई हैl यह एक विकट समस्या के रूप में आम जनता के सामने स्थिति निर्मित हो गई है l हजारों यात्री आए दिन परेशान हो रहे हैं l अच्छा होता यदि रेल मंत्रालय इस गंभीर समस्या पर चिंतन मनन करते हुए इसका कोई विकल्प तैयार करता l वर्तमान में यह समस्या आए दिन की हो गई है वरना पूर्व में इस प्रकार के समाचार बहुत कम ही मिलते थेl इसी विभाग की सबसे महत्वपूर्ण आश्चर्यजनक किंतु सत्य कार्य प्रणाली का नमूना तो यह है कि देश पर शासन करने वाले नीति निर्माताओ कै साथ ही संसद में विपक्ष की शोभा बढ़ाने वाले विपक्षी दलों के सांसद भी जिन बहुसंख्यक मतदाताओं अर्थात ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत मतदाताओं के मतों से जीत कर संसद में पहुंचे हैं और जिनका परिवहन का मुख्य साधन आज भी पैसेंजर ट्रेन है वह अधिकांश या तो बंद है अथवा अपनी दुर्गति पर आंसू बहा रही हैंl
इन नीति नियंताओं को यह मालूम होना चाहिए कि भारत की अर्थव्यवस्था ग्रामीण संसाधन पर ही आधारित है और आज भी पैसेंजर ट्रेन इन ग्रामीणों के लिए आवागमन के साथ ही उनके छोटे-मोटे व्यवसाय का साधन भी हैं मगर आज तक ना तो पक्ष अथवा विपक्ष की ओर से इस बाबत किसी प्रकार कोई पहल न किया जाना चिंता का विषय है l
अब समय आ गया है आम जनता के हित में केंद्र सरकार को इस बाबत कोई कड़ा कदम उठाते हुए आम जनता को राहत पहुंचाने की पहल करना चाहिएl
आज देश में विकास के नाम पर बुलेट ट्रेन वंदे भारत आदि जैसे नवाचार किया जा रहे हैं जो स्वागत योग्य कदम है लेकिन केंद्र सरकार को इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि भारत में आज भी आम परिवहन की महत्वपूर्ण आवश्यकता व्यवसाय के लिए एवं मध्यमवर्गी परिवारों जो मतदाताओं का लगभग 50 से 60% होता है इसलिए सरकार को प्राथमिकता के आधार पर उनकी चिंता करने की आवश्यकता हैl
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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