भोपाल. लगभग 4:30 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा मध्य प्रदेश अपनी बदहाली पर आंसू भी नहीं वहा पाया था कि मध्य प्रदेश सरकार ने फिर से 1000 करोड रुपए का कर्ज़ लेने की तैयारी फिर प्रारंभ कर दी है और लोकतंत्र की रक्षा करने वाले सभी राजनीतिक दल चुप बैठे हुए हैं आखिर मुफ्त की रेवड़ी बांट बांट कर सत्ता हथिया ने का प्रयास करने वाली प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार प्रदेश को बदहाली की किस दशा में ले जा रही है क्या इससे सभी विपक्षी दल अथवा प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जो मुफ्त की रेवड़ी बांटने का सख्त विरोध करते हैं वाकिफ नहीं है? भोपाल के वरिष्ठ खोजी पत्रकार अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रखर समाजसेवी. वर्तमान में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी सरदार आर सिंह खालसा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस कृत की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकार द्वारा इस प्रकार का कर्ज लिए जाने को गंभीर संवैधानिक उलंघन की संज्ञा देते हुए सरकार के इस कृत्य की शिकायत चुनाव आयोग के साथ ही भारत के राष्ट्रपति को भी किए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि उसे गंभीर कोरोना काल में जब भीषण गर्मी में लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर भोपाल में मैं स्वयं अपनी जान की परवाह न करते हुए गरीब बेसहारा वर्ग के साथ ही कठिन पुलिस ड्यूटी करते हुए पुलिस भाइयों तक राहत सामग्री पहुंच रहा था तब सरकार को इस प्रकार का लोन लेकर उस पीड़ित शोषित वर्ग की सेवा करने का ध्यान क्यों नहीं आया. उन्होंने सभी विपक्षी दलों से राजनीतिक रागदेश त्याग कर मध्य प्रदेश को कर्ज के जंजाल में फंसा रहे प्रदेश को बचाने के लिए एकजुट होकर विरोध किए जाने की अपील जारी की है. उनका कहना है कि यदि प्रदेश सरकार ने तत्काल यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया और यदि चुनाव आयोग के साथ ही राष्ट्रपति भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के इस गैर असंवैधानिक कदम पर हस्तक्षेप नहीं किया तो संवैधानिक दायरे में मैं ऐसा विरोध प्रदर्शन करूंगा जिसका नाम इतिहास में दर्ज होगा.
