Explore

Search
Close this search box.

Search

Saturday, July 27, 2024, 12:32 pm

Saturday, July 27, 2024, 12:32 pm

Search
Close this search box.

भ्रष्टाचार के पहियों पर दौड़ती मौत: जीतू पटवारी

Share This Post

भोपाल, 28 दिसम्बर 2023: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने कहा कि कल रात गुना में अवैध बस में 13 यात्रियों की जलकर दर्दनाक मौत हुई और 15 घायल यात्रियों का जीवन खतरे में है। ऐसा प्रतीत होता है कि गुना में समूची व्यवस्था भ्रष्टाचार की अग्नि में जलकर स्वाहा हो गई।

श्री पटवारी ने कहा कि बताया गया है कि अपनी चलने की 15 वर्ष की समयावधि समाप्त होने के बाद भी एक बस क्रमांक एमपी 08-पी-0199 भ्रष्टाचार के पहियों पर मौत बनकर बेधड़क दौड़ रही थी। बस का न रजिस्ट्रेशन था न बीमा। उसका बीमा भी 30 अप्रैल 2021 के बाद समाप्त हो गया था, उसका फिटनेस भी 17 फरवरी 2022 तक ही वैध था, 18 सालों से जो भजपाई सत्ता ईमानदारी के हर पैमाने पर अनफिट हो उससे और उम्मीद भी क्या की जा सकती हैं। बस के टैक्स की वैधता भी जुलाई 2022 में खत्म हो चुकी थी। अब जब रिश्वत का मोटा टैक्स साहब के खाते में जाता हो तो स्वाभाविक हैं कि अवैध बसों का परिवहन होगा ही।

श्री पटवारी ने कहा कि गुना का यह बस हादसा नहीं हैं, यह 13 लोगों की संस्थागत हत्या का मामला हैं, वो भी जघन्य तरीके से। इतना ही नहीं 15 लोग अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। ईश्वर उनके स्वास्थ्य को जल्द ठीक करें। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निंदा की जाए उतना कम हैं। इस अग्निकांड की बुझी हुई राख के कुछ सुलगते सवाल हम हमारे मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहते हैं।

1) परिवहन विभाग का मुख्यालय गवालियर में हैं, मुख्यालय से कुछ दूरी पर ही अगर अवैध बसें चल रही है तो फिर पूरे मध्यप्रदेश का क्या हाल होगा?

2) जाँच कमेटी बिठाकर जिम्मेदार अधिकारियों के ‘पाप पर पर्दा’ तो नहीं डाला जा रहा हैं?

3) बस मालिक और जिम्मेदार परिवहन अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा कब दर्ज किया जाएगा?

4) प्रदेश में बगैर परमिट, बगैर फिटनेस, बगैर रजिस्ट्रेशन और बगैर बीमा की कितनी बसें चल रही है?

श्री पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपको पूरी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए गंभीर घायलों को देश के किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराकर उनका इलाज कराना चाहिए और प्रत्येक मृतक परिवारों को एक–एक करोड़ रूपये का मुआवज़ा देना चाहिए। आपसे अनुरोध है कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी, तिल-तिल कर तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही शासन व्यवस्था को पटरी पर लाईए।


Share This Post

Leave a Comment