श्रीकृष्ण रूकमणि के विवाह की सजीव झांकी देख प्रफुल्लित हो उठे भक्त
खजुराहो। पर्यटन नगरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथाव्यास पं. संतोष महाराज ने श्रीकृष्ण एवं रूकमणि के विवाह का प्रसंग सुनाया। कथाव्यास ने कहा कि रूकमणि विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थीं। देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनने के बाद रूकमणि ने श्रीकृष्ण को अपना पति मन ही मन स्वीकार लिया था। चूंकि श्रीकृष्ण से रूकमणि का भाई रूकमी शत्रुता रखता था इसलिए वह अपनी बहिन का विवाह चेदि नरेश के राजकुमार शिशुपाल से करना चाहता था मगर श्रीकृष्ण रूकमणि के मन और भावों की रक्षा के लिए उसे ले आए थे।

Author: Canon Times
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