ठेकेदार की आपत्ति पर टेंडर प्रक्रिया स्थगित, अब 30 जून को होगें टेंडर
छतरपुर। मेडिकल कालेज के निर्माण में बाधायें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक समस्या दूर होती है तो वहीं दूसरी समस्या खड़ी हो जाती है। अब मेडिकल कालेज के निर्माण का गुजरात की जिस जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को पूर्व में ठेका मिला था उसकी आपत्ति पर 16 जून को होने वाली टेंडर प्रक्रिया स्थगित कर अब टेंडर डालने की तिथि 30 जून निर्धारित कर दी गई। किन्तु सवाल यह उठता है कि जब तक पूर्व ठेकेदार की आपत्तियों का निराकरण नहीं होता तब तक वह इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढऩे देगा।जानकारी के अनुसार छतरपुर मेडिकल कालेज का निर्माण गौरगांय में होना है जिसका ठेका जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी गुजरात को मिला था लेकिन इस ठेकेदार ने यह कहकर काम करने से मना कर दिया था कि मटेरियल के दाम बढ़ चुके हैं इसलिए ठेके की दरें भी बढ़ाई जाये। इसी बीच मेडिकल संघर्ष मोर्चा द्वारा आंदोलन कर सरकार पर दबाव बनाया गया जिस कारण सरकार द्वारा मेडिकल कालेज के निर्माण हेतु 16 जून को दोबारा टेंडर बुलाये गये थे लेकिन ठेकेदार द्वारा यह आपत्ति लगाई गयी कि पहले उसका भुगतान करें एवं टेंडर निरस्त करें तभी दूसरा टेंडर बुलायें।
इस आपत्ति के बाद टेंडर प्रक्रिया की तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है लेकिन 30 जून को यह प्रक्रिया भी अधर में लटक सकती है क्योंकि यदि ठेकेदार की आपत्ति का निराकरण नहीं किया गया तो वह सरकार के खिलाफ कोर्ट भी जा सकता है।टेंडर प्रक्रिया निरस्त होने पर मेडिकल संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुभाष चौबे सहित सदस्यों ने भी शासन एवं प्रशासन से आग्रह किया है कि वे जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ही काम करने के लिये निर्देशित करें एवं उसकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने चेतावनी दी कि मेडिकल कॉलेज निर्माण लटकने पर मेडिकल संघर्ष मोर्चा पुन: आंदोलन करेगा।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के लिए मेडिकल संघर्ष मोर्चे ने 15 दिन तक लगातार आंदोलन किया था। 2 जून को लाड़ली बहना सम्मेलन में मुख्यमंत्री के छतरपुर आने के एक दिन पहले ही शासन स्तर से आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज निर्माण का जेपी इंफ़्रास्ट्रक्चर का टेंडर रद्द कर दोबारा टेंडर नोटिस जारी कर दिया गया था।
