कलेक्टर ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत किए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
भोपाल: 16 मार्च 2024; निर्वाचन कार्यक्रमों की घोषणा हो जाने के दिनांक से ही भोपाल जिले में भी आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है।
लोकसभा आम निर्वाचन 2024 को निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने एवं निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिले में लोक प्रशांति बनाये रखने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट भोपाल श्री कौशलेन्द्र विकम सिंह ने सम्पूर्ण जिला भोपाल में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 195 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी होने के दिनांक से चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक ध्वनि विस्तारण यंत्रों का उपयोग बिना अनुमति (regulate) प्रतिबंधित
करने आदेश जारी किये।
1- कोई भी व्यक्ति तथा उम्मीदवार, इलेक्शन एजेंट या राजनैतिक दलों के सदस्य एवं समर्थक आदि ध्वनि विस्तारण यंत्रों एवं लोक सम्बोधन प्रणाली का उपयोग उक्त आदेश के प्रभावशील रहने की अवधि में केवल 1/4 वाल्यूम (ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि मानक-10 डी.बी.ए. से अनधिक) ही प्रातः 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक तथा केवल विहित प्राधिकारी (संबंधित क्षेत्र अनुविभागीय दण्डाधिकारी) की पूर्वानुमति प्राप्त कर ही कर सकेंगे। एक अनुभाग से अधिक अनुभाग क्षेत्र में रैली होने या ध्वनि विस्तारण यंत्र के उपयोग की अनुमति की स्थिति में अनुमति अपर जिला मजिस्ट्रेट भोपाल से प्राप्त की जाना होगी।
2- रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे के बीच किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्र या लोक सम्बोधन प्रणाली का उपयोग नहीं किया जावेगा एवं उक्त अवधि में ध्वनि विस्तारण यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकेगी।
3- मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-5 के उपबन्धों के तहत कोलाहल प्रतिबंधित शांति क्षेत्रों, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, टेलीफोन एक्सचेंज, न्यायालयीन क्षेत्रों शैक्षणिक संस्थाओं, छात्रावासों, स्थानीय प्राधिकरण के धिकरण के कार्यालयों, बैंकों तथा अन्य क्षेत्र जिन्हें शांति क्षेत्र घोषित किया जाये एसे स्थानों से 200 मीटर की परिधि के बाहर ही ध्वनि विस्तारण यंत्रों के उपयोग की अनुमति दी जा सकेगी। उपरोक्त स्थानों से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं जारी की जाएगी।
4-ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किसी भी लोक स्थल में टेप या अन्य प्रकार के पूर्व से रिकार्ड की संगीत या आवाज को बजाने के लिये नहीं किया जाए।
इस अधिनियम के प्रयोजन के लिए अधिनियम की कंडिका 2 घ के तहत समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेटों को उनके कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत विहित प्राधिकारी घोषित किया जाता हैं।
5/ उक्तानुसार विहित प्राधिकारी, ध्वनि विस्तारक यंत्र, लोक सम्बोधन प्रणाली को अधिनियम तथा नियम के प्रावधानों के अन्तर्गत चलाये जाने की अनुज्ञा उनके सम्मुख सकारण कम से कम एक दिवस पूर्व आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर दे सकेंगे। उनके द्वारा दी गयी अनुज्ञा इस आदेश की कंडिका 2.1, 2.2 एवं 2.3 एवं अधिनियम की धारा 5 (2), 7(1) व (2) में उल्लिखित शतों के अधीन ही दी जावे। उक्त अनुमति इस शर्त पर दी जावे कि ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग से इस अधिनियम में परिभाषिक “कोलाहाल” उत्पन्न न हो। उक्त के अधीन विहित प्राधिकारी अनुज्ञा की परिस्थिति के अनुरूप विनियमित कर सकेंगे।
6/ यह प्रतिबंध प्रशासनिक एवं निर्वाचन कार्यक्रमों आदि एवं उनके संबंध में की जाने वाली घोषणाएं आदि 6 पर लागू नहीं होगा।
7/ इस आदेश तथा मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 का उल्लंघन करेगा या उल्लंघन करने का प्रयास दुष्प्रेरणा से करेगा वह उक्त अधिनियम के उपबंधों के तहत शास्ति, 06 (छः) माह तक के कारावास या 1000/- रूपये के जुर्माने से अथवा दोनों से दंडित किया जा सकेगा। अधिनियम की धारा-16 के अन्तर्गत हेड कांस्टेबल व उससे वरिष्ठ किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा बिना अनुमति के उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों / सामग्री को लोकहित में अधिग्रहित किया जा सकेगा।
यह आदेश सम्पूर्ण भोपाल जिले में 16 मार्च 2024 से चुनाव प्रक्रिया समाप्ति के दिनांक तक प्रभावशील रहेगा।
विजय/अरुण शर्मा
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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