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Sunday, September 8, 2024, 6:35 am

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सस्ती लोकप्रियता हासिल करने शंकराचार्य परिवार से खुद को जोड़ा

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शंकराचार्य के शिष्य ने मीडिया से बताई शिवरंजिनी की हकीकत

छतरपुर। पिछले करीब एक सप्ताह से मीडिया में सुर्खियां बटोर रहीं मेडिकल की छात्रा शिवरंजिनी तिवारी खुद को जगद्गुरू शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के परिवार से जोड़ रही थीं। जब यह बात मीडिया के माध्यम से फैली तो शंकराचार्य जी के शिष्य एवं वर्तमान शंकराचार्य जी का मीडिया का कार्य देख रहे डॉ. शैलेन्द्र योगीराज ने गुरूवार को शिवरंजिनी के दावों की हवा निकाल दी। डॉ. योगीराज ने कहा कि शिवरंजिनी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए शंकराचार्य परिवार से खुद का ताल्लुक होने की बात कहती हैं और बागेश्वर धाम सरकार से भी जुडऩे का दावा करती हैं।
मीडिया से मुखातिब होते हुए ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र योगीराज ने बताया कि ब्रह्मलीन जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कार्य मेडिकल की छात्रा ने किया है। जगद्गुरू उपाध्याय परिवार से आते थे, जबकि मेडिकल छात्रा अपनी जाति तिवारी बता रही है, इसलिए शंकराचार्य जी से भतीजे की पुत्री बताना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि भगवा वस्त्र गुरू की आज्ञा से पहने जाते हैं, शिवरंजिनी के कृत्य सनातन धर्म के अनुकूल नहीं है। सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए देश-विदेश में विख्यात बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री से नाता जोडऩे की कहानी गढ़ रही है। ऐसा भी बताया गया है कि शिवरंजिनी के पिता ने बागेश्वर धाम में जमीन खरीदी थी और अपने व्यापार को संचालित किया था लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र ने आगाह किया है कि भविष्य में अन्य मंचों के माध्यम से खुद को जगद्गुरू शंकराचार्य से न जोड़ें अन्यथा कानूृनी कार्यवाही से गुजरना पड़ेगा।


*सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा पर उठ रहे सवाल*

मेडिकल की छात्रा शिवरंजिनी ने मीडिया से बताया कि गंगोत्री से जल लेकर बागेश्वर धाम के लिए वह पैदल यात्रा कर रही है। छात्रा के साथ 4 वाहन चल रहे हैं। सवाल यह है कि 1 मई को गंगोत्री से शुरू हुई पैदल यात्रा इतनी जल्दी छतरपुर कैसे आ सकती है। साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि अब तक की यात्रा होने के बावजूद छात्रा के स्वभाव और स्वास्थ्य पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। खबर यह है कि छात्रा के पिता एक औषधीय तेल के विक्रेता और निर्माता हैं। उनके द्वारा तेल का प्रचार करने के लिए इस तरह की कहानी तैयार की गई है। एक वीडियो में मेडिकल छात्रा 4 पहिया वाहन में बैठी नजर आ रही है लेकिन जैसे ही छात्रा और उसके साथियों ने मीडिया को देखा वैसे ही यह बताने का प्रयास किया कि छात्रा के तबियत बिगडऩे के कारण वह कार से अस्पताल जा रही है। हालांकि अस्पताल में उसने डॉक्टर से परामर्श भी लिया और डॉक्टर ने पानी की कमी होने तथा स्वास्थ्य में सुधार के लिए आराम की सलाह दी। उधर मेडिकल छात्रा शिवरंजिनी के कृत्य से बागेश्वर धाम के समर्थकों में नाराजगी है। इससे धाम की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। धाम से जुड़े लोगों ने चेतावनी दी है कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में जुटी मेडिकल छात्रा को अपना रवैया बदलना होगा, अन्यथा कानून का सहारा लिया जाएगा।


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