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Monday, December 9, 2024, 7:31 pm

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पुरखों की जमीन पर कब्जा पाने दर-दर भटक रहा आवेदक

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सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी नहीं कार्यवाही

छतरपुर। जिले के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया है कि अब वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का पालन कराने के लिए आवेदकों को जमीनी स्तर के कर्मचारियों को रिश्वत देनी पड़ रही है। ऐसा ही मामला सामने आया है कि राजनगर तहसील क्षेत्र के ग्राम तिलौंहा से जहां के एक व्यक्ति से आरआई ने नायब तहसीलदार के आदेश का पालन करने के एवज में रिश्वत ली और इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया। भ्रष्टाचारियों से परेशान युवक ने अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।

*यह है मामला*
तिलौंहा निवासी करन कुशवाहा ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया था। इस आशय की याचिका राजनगर के नायब तहसीलदार न्यायालय में दायर की गई। दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद न्यायालय नायब तहसीलदार बसारी तहसील राजनगर द्वारा जारी किए गए राजस्व आदेश प्रकरण क्रमांक 03 / अ-70 / वर्ष 2023-24 में लेख है कि आवेदक नत्थू कुशवाहा, करन कुशवाहा, दशरथ कुशवाहा पिता श्री सेतुवा कुशवाहा निवासी ग्राम तिलौंहा तहसील राजनगर जिला छतरपुर मप्र भू- राजस्व संहिता 1959 की धारा 250 के अन्तर्गत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। जिसमें उल्लिखित है कि ग्राम तिलौहा स्थित भूमि आराजी नंबर 683 के अंश रकवा 0.018 हे. आराजी नंबर 684 के अंश रकवा 0.008 हे. भूमि पर मथुरा पिता श्री पल्टू साहू, भूमि आराजी नंबर 193 के अंश रकवा 0. 260 एवं आराजी नंबर 186 के अंश भाग रकवा 0.120 हे० भूमि धूरिया, मनीराम पिता श्री सरजू अहिरवार भूमि आराजी नंबर 280 के अंश भाग भूमि रकवा 0.138 हे. भूमि रामकुमार पिता श्री मुन्नीलाल अवस्थी आराजी नंबर 114 के अंश भाग रकवा 0.020 हे. भूमि पर गयादीन पिता श्री जलमा काछी भूमि आराजी नंबर 186 के अंश भाग रकवा 0.120 हे. भूमि पर धूरिया मनीराम एवं चुगली व भुमानीदीन का अवैध कब्जा पाया। गया है उक्त भूमि का सीमांकन 09.09.2022 को स्वीकृत किया गया है। आवेदकों की भूमि पर अनावेदकों का कब्जा पाये जाने से आवेदकों को े कब्जा वापस दिलाये जाने का आवेदन पेश किया गया। प्रकरण दर्ज किया अनावेदक को आहूत किया गया। अनावेदक घुरिया, मनीराम चुंगली एवं भुमानीदीन अधिवक्ता सहित उपस्थित शेष अनावेदक सूचना उपरान्त अनुपस्थित। प्रकरण में उपस्थित अनावेदकों की ओर से जबाब आदि पेश नहीं किये जाने व सभी के अनुपस्थित रहने से प्रकरण में आवेदक साक्ष्य लिये गये जिसमें दशरथ कुशवाहा ने स्वयं के अतिरिक्त साक्षी अच्छेलाल के शपथ पत्र पेश किये गये जो शामिल प्रकरण है। आवेदक अभिभाषक को समक्ष में सुना गया। प्रकरण में संलग्न दस्तावेजों का अवलोकन करने से स्पष्ट है कि प्रश्नाधीन भूमि के सीमांकन प्रतिवेदन के अनुसार स्पष्ट है कि उक्त भूमियों पर अनावेदकगणों का अंशभाग पर कब्जा है जिसकी पुष्टि सीमांकन प्रतिवेदन से होती है साथ ही अनावेदकगणों के द्वारा आज दिनांक तक उक्त सीमांकन को प्रश्नागत नहीं किया गया है। अतएव आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन स्वीकार किया जाकर राजस्व प्रकरण क्रमांक 253 / अ-12 / वर्ष 2022 2023 में आदेश दिनांक 09.09.2022 के आधार पर प्रश्नाधीन भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने पर अनावेदकों का कब्जा हटाये जाने का आदेश पारित किया जाता है। अनावेदक अपनी भूमि का पृथक से सीमांकन कराने हेतु स्वतंत्र है। तदानुसार राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी पुलिस बल के सहयोग से आवेदक को कब्जा वापस दिलाकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। आवेदक करन का आरोप है कि आरआई रामदयाल ने इस आदेश का पालन करने और उसे कब्जा दिलाने के एवज में 4 हजार रुपए भी लिए थे लेकिन उसके बाद भी उसकी जमीन पर कब्जा नहीं दिलाया है। करन ने बताया कि उसने 23 जून को कलेक्टर और तहसीलदार सहित सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत की थी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

*जिले भर में व्याप्त है भ्रष्टाचार, चुनाव में सामने आएंगे परिणाम*

उल्लेखनीय है कि यह एक मामला नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार किया गया हो, ऐसे सैकड़ों मामले जिले के विभिन्न हिस्सों से सामने आते रहते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दावे के अनुरूप भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर शिकायतों के बाद भी आखिर कार्यवाही क्यों नहीं हो पा रही है। जिले में आलम यह है कि ग्रामीण अंचलों से आने वाले आवेदकों के कोई भी काम जमीनी कर्मचारियों द्वारा बिना लेन-देन के नहीं किए जा रहे हैं। जिले की किसी भी तहसील में बिना दलाली के काम नहीं होते। इस भ्रष्टाचार के कारण आने वाला चुनाव प्रभावित होने की संभावना है कि भ्रष्टाचार से पीड़ित लोगों ने इसका जवाब देने का मन बना लिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही नहीं होगी वे अपना विचार नहीं बदलेंगे। अब देखना यह है कि क्या सरकार तथा जिला प्रशासन भ्रष्टाचार करने वालों पर सख्त कार्यवाही करती है या फिर जनता चुनाव में इसका जवाब देती है।

*इनका कहना है*
आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। इसे संज्ञान में लेकर एजेंसी के माध्यम से जांच कराई जाएगी। यदि आरोपी सत्य सिद्ध होते हैं और आरआई द्वारा रिश्वत लेना पाया जाता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही होगी।
*नम: शिवाय अरजरिया, एडीएम, छतरपुर*


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