भोपाल, 18 अक्टूबर, 2023: कल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव-2023 के लिए कांग्रेस ने अपना ‘वचन-पत्र’ जारी किया। गौरतलब है कि हमने ‘घोषणा-पत्र’ नहीं ‘वचन-पत्र’ कहा, क्योंकि ‘प्राण जाए पर वचन न जाई’ की तर्ज पर हमने मध्यप्रदेश की जनता से कई वादे किए हैं, जिन्हें कांग्रेस की सरकार बनते ही, कमलनाथ जी के मुख्यमंत्री बनते ही पूरा किया जायेगा।
आदरणीय सोनिया गांधी जी कहती हैं कि मेनिफेस्टो कांग्रेस पार्टी के लिए Sacred Document है, पवित्र दस्तावेज है। भाजपा की तरह झूठ का पुलिंदा नहीं।
इतिहास गवाह है कांग्रेस ने जो कहा वो कर के दिखाया, इसलिए जनता को हमारी कथनी पर विश्वास है। ये जनता के बीच से निकला हुआ दस्तावेज है, उनके सुझाव और समस्या निवारण इसकी नींव है। हमने चुनाव के एक महीने पहले इस ‘वचन-पत्र’ को जारी किया, क्योंकि हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक ये वचन-पत्र पहुंचे और उसे पढ़ा जाए, क्योंकि हम जमीनी मुद्दों पर, जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस मीडिया डिपार्टमेंट का प्रयास रहेगा कि प्रतिदिन जनता से जुड़े, धरातल से जुड़े लोगों के दैनंदिक जीवन से जुड़े एक बड़े मुद्दे पर पत्रकार वार्ता करे। पिछले 18 साल में शिवराज सरकार के कुशासन और जंगलराज ने किस तरह लोगों का जीवन नारकीय बना दिया है और कांग्रेस बदहाली के ये काले बादल चीरकर किस तरह उजाला लेकर आएगी, ये प्रकाश डालें हर एक ज्वलंत मुद्दे पर।
मध्यप्रदेश हो गया बेरोजगार।
छात्र-युवा आत्महत्या को लाचार।।
ऐसा है शिवराज सरकार का अत्याचार।।।
इसी श्रृंखला में आज मैं बात करूंगी बेरोजगारी और भर्ती घोटालों पर और शुरूआत करती हूं कि पाश की इन पंक्तियों से:-
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती।
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती।।
गद्दारी और लोभ की मुठ्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती।
सबसे खतरनाक होता है, मुर्दा शांति का भर जाना।
तड़प का न होना, सब सहन कर जाना।
सबसे खतरनाक होता है, हमारे सपनों का मर जाना।।
शिवराज सिंह सरकार ने नौजवानों के सपनों की हत्या की है।
अब मैं चाहती हूं कि आप सब लोग सोचें, पत्रकार की तरह भी और सिर्फ एक इंसान की तरह भी, दिमाग से भी और दिल पर हाथ रखकर भी…..।
सोचें कि मध्यप्रदेश के एक दूर-दराज कस्बे-गांव में, एक झोपड़ी या मिट्टी के मकान में रहने वाले, रोज कठिनाईयों के दलदल से अपने जीवन को खींचकर निकालने वाले, मां-बाप अपने बच्चों के लिए क्या-क्या सपना देखते होंगे ???
वो सपना देखते होंगे कि उनके बच्चे किसी बड़े स्कूल या कॉलेज में पढ़ेंगे, किसी बड़ी परीक्षा को पास कर बड़े अफसर बनेंगे। वो मां-बाप अपना पेट काटकर, अपनी ख्वाहिशों, अपनी कामनाओं का गला घोंटकर बड़े शहर पढ़ने भेजते हैं, अपने बच्चों को, महंगी कोचिंग कराते हैं-खुद सूखा निवाला खाते हैं, परीक्षाओं की फीस भरते हैं, खुद फटे कपड़े पहनते हैं और अंत में होता क्या है……….।
कोचिंग लेते हैं, बच्चे पर परीक्षा नहीं होती, परीक्षा होती है तो रिजल्ट नहीं आता, रिजल्ट आता है तो भर्ती नहीं होती, भर्ती शुरू होती है तो घोटाले हो जाते हैं। उनके बच्चे इस चक्की में पिसते जाते हैं। उन मां-बाप के, उन छात्रों-नौजवानों के सपने कैसे चकनाचूर होते हैं, कैसे टूटते हैं ये जानने के लिए 56 इंच का सीना नहीं, एक धड़कता हुआ दिल चाहिए। ये जानने के लिए ‘मामा’ की उपाधि नहीं, संवेदना के स्तर पर अपने लोगों से जुड़ाव चाहिए…. जो 18 साल में 18 मिनिट के लिए भी शिवराज सिंह नहीं कर पाए। यही कारण है कि शिवराज सिंह सरकार की नाक के नीच:-
1. 3000 करोड़ का व्यापमं घोटाला होता है। गवाह बच्चों और पत्रकारों समेत 56 मौतें और आत्महत्याएं होती हैं।
2. पटवारी भर्ती घोटाले में नौकरियों के लिए 15-15 लाख की बोली लगती है।
– भिंड से भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा के कॉलेज सेंटर से ही 10 में से 7 टॉपर्स निकल आते हैं।
– टॉपर्स ये भी नहीं बता पाते कि मध्यप्रदेश में कितने जिले हैं, उल्टा कहते है कि 15 लाख देकर नौकरी मिलती तो क्या आप नहीं लेते?
– जिन्हें पूर्ण दिव्यांग माना जाता है पटवारी भर्ती के लिए वो 3 महीने बाद वन रक्षक भर्ती में 100 प्रतिशत फिट पाए जाते हैं।
3. नर्सिंग घोटाले का सूरत-ए-हाल ये हैं कि 800 नर्सिंग कॉलेज में 800 टीचिंग फेकल्टी फेक है – फर्जी हैं। तीन सालों से नर्सिंग की परीक्षा नहीं हुई। कई जगह 2015 की विक्षप्ति का आधार बनाकर, चयन प्रक्रिया का नाटक कर भर्ती की गयी। सीबीआई जांच बिठानी पड़ी जिसमें 19 कॉलेज रद्द किये गए।
4. पेसा कानून जिला समन्वयक की भर्ती के लिए पहले विज्ञापन जारी किया। 890 अभ्यर्थियों की सूची निकाली फिर उसे निरस्त कर संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की भर्ती की।
5. कांस्टेबल भर्ती में 8-8 लाख की बोली लगी तो शिक्षक भर्ती में नकली दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवा कर नौकरी ले ली।
6. 2012 की आरक्षक भर्ती परीक्षा की धांधली में 3 लोगों को 4 साल की सजा भी हुई।
7. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने स्टेट सर्विस एक्जाम में 5 सालों में एक भी नियुक्ति नहीं की, जिससे 1.32 हजार परीक्षार्थी कम हो गए।
8. मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने 2023 में अब तक 15 परीक्षाएं ली- 37817 पदों के लिए एक भी रिजल्ट नहीं आया।
9. मध्यप्रदेश के प्रायवेट सेक्टर में नौकरियों में 60 प्रतिशत की गिरावट आयी है, 2021 में करीब 83000 नौकरियां थी जो 2022 में 49759 रह गयीं।
– शिवराज सिंह ने 18 लाख करोड़ के निवेश की घोषणा की, लाखों करोड़ रूपया इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर स्वाहा कर दिए-पर हाथ लगा निल बटा सन्नाटा, क्योंकि 50 प्रतिशत कमीशनखोर की सरकार के साथ कौन निवेश करेगा? और जब निवेश नहीं होगा तो प्रायवेट जॉब कहां से आयेगी?
– आज मध्यप्रदेश में 39 लाख बेरोजगार नौजवान हैं, जिनमें से मात्र 21 युवाओं को सरकारी या अर्द्धसरकारी नौकरी मिली है। केवल 21 लोगों को, ये आंकड़ा यशोधरा जी ने विधानसभा में दिया है।
– पटवारी परीक्षा में 6000 पदों के लिए 12 लाख आवेदक थे, जिनमें से 4 लाख से ज्यादा बीए, बीटेक और एमबीए किए हुए थे।
– कुछ साल पहले चपरासी भर्ती के लिए 1 हजार 333 पदों के लिए करीब 4 लाख आवेदन आये थे। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास थी और अभ्यार्थियों के पास एमबीए, एमए, एमकॉम और एनएससी की डिग्री थी।
घोटाले पर घोटाला और सबसे भयानक आंकड़ा ये है कि मायूस, हताश, निराश 17,298 छात्रों और बेरोजगारों ने पिछले 17 साल में आत्म हत्या की है।
मामा जी के राज में दुपहिया, तिपहिया वाहन है पर तेल गायब, सिलेण्डर है पर गैस गायब, शौचालय हैं पर पानी गायब, डिग्री है पर रोजगार गायब, जीवन है पर सुख और खुशी गायब।
नौजवानों को छात्रों को राष्ट्रशक्ति इसलिए कहा जाता है, क्योंकि देश के नवनिर्माण की नींव का पहला पत्थर नौजवान अपने कंधों पर ढोते हैं, देश का नाम स्वर्णिम अक्षरों में विश्वपटल पर लिखा जाता है, तो कलम नौजवानों के हाथ में होती है।
नौजवानों को रोजगार का अधिकार, सम्मान देने के लिए कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ जी ने ‘वचन पत्र’ में कुछ वादे किए हैं:-
ऽ 2 लाख से अधिक सरकार के रिक्त पदों की भर्तियों के लिए वार्षिक कैलेण्डर जारी कर भर्ती करेंगे।
ऽ युवाओं को आर्थिक सहयोग-युवा स्वाभिमान को बनाये रखने के लिए पात्र शिक्षित बरोजगार युवाओं को अधिकतम 2 वर्ष तक 1500 से 3000 रूपये का आर्थिक सहयोग प्रदान करेंगे।
ऽ 5 लाख करोड़ के निवेश, 1 हजार नई औद्योगिक इकाईयाँ और 1 लाख डैडम् इकाईयाँ प्रारंभ कराने के लक्ष्य के साथ बढ़ेगें।
ऽ 1 हजार करोड़ रूपये का स्टार्टअप कार्पस फंड स्थापित करेंगे।
ऽ युवाओं को 25 लाख से 5 करोड़ रूपये तक के ऋण सरल प्रक्रिया से उपलब्ध करायेंगे, अन्य सुविधायें देंगे।
ऽ युवाओं को छोटे-छोटे व्यवसाय के लिए 50 हजार रूपये तक का ऋण बिना ब्याज पर देंगे।
ऽ प्रतियोगी परीक्षाओं के शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट देंगे।
ऽ समग्र युवा जॉब पोर्टल व रोजगार ब्यूरो बनायेंगे।
ऽ मध्यप्रदेश सरकारी भर्ती कानून बनायेंगे।
ऽ मध्यप्रदेश भर्ती आयोग का गठन करेंगे। भर्ती संबंधी समस्याओं को समाप्त करेंगे।
ऽ ग्राम पंचायत स्तर के 1 लाख नवीन पद सृजित कर भर्ती करेंगे।
ऽ पदल लाओ-पद पाओ, पदक लाओ-करोड़पति बन जाओ, पदक जीतो-कार जीतो व पदक जीतो-छात्रवृति पाओ योयजनाएं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रारंभ करेंगे।
ऽ मध्यप्रदेश की भर्तियों में नियम विरूद्व अपात्रों की भर्ती, पेपर लीक, भाई भतीजावाद एवं भ्रष्टाचार हुआ है, इसकी जांच करायेंगे।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
Authentic news.
1 thought on “बेरोज़गारी – भर्ती घोटाले- कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.रागिनी नायक का बयान”
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