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Saturday, July 27, 2024, 2:23 pm

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ढाई माह पहले भाजपा ने जिले के दो सीटों के लिए घोषित किए उम्मीदवार

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पूर्व मंत्री ललिता यादव और पूर्व विधायक पुत्र कामाख्या सिंह पर लगी मुहर

छतरपुर। विधानसभा चुनाव की आधिकारिक रूप से भले ही रणभेरी न बजी हो लेकिन राजनैतिक दलों ने इसकी तैयारी काफी पहले से की है। उम्मीदवारों की घोषणा में बसपा आगे रही है लेकिन भाजपा ने भी कुछ सीटों के लिए चुनाव के ढाई महीने पहले ही अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने जिन दो सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किए हैं वे वर्तमान में दोनों सीटें कांग्रेस के खाते में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस वर्तमान विधायकों को फिर से मौका दे सकती है। भाजपा ने पूर्व मंत्री एवं छतरपुर से एक बार नगर पालिका अध्यक्ष एवं दो बार विधायक के रूप में चुनकर भोपाल पहुंची ललिता यादव पर विश्वास जताया है तो वहीं पूर्व मंत्री एवं तीन बार के विधायक मानवेन्द्र सिंह भंवरराजा के पुत्र कामाख्या प्रताप सिंह पर भरोसा किया है।

गुरूवार को भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 39 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। छतरपुर से पूर्व मंत्री व वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष ललिता यादव को मैदान में उतारने का निर्णय लिया है तो वहीं महाराजपुर से पूर्व में भाजपा के बैनर तले व एक बार निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए मानवेन्द्र सिंह भंवरराजा के पुत्र कामाख्या प्रताप सिंह को टिकिट दी है। मानवेन्द्र सिंह पूर्व में बिजावर से भी 1998 में विधायक के रूप में जीतकर भोपाल पहुंचे थे। दिग्विजय सरकार में उन्हें मंत्री पद भी दिया गया था। दोनों सीटों में चुनाव कड़े मुकाबले का है। आंकड़ों पर गौर करें तो छतरपुर से 2008 में ललिता यादव ने बसपा प्रत्याशी रहे डीलमणि सिंह बब्बूराजा को 7855 मतों से हराया था। यहां कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। 2013 में भाजपा ने फिर ललिता यादव पर भरोसा किया और उन्हें मैदान में उतारा। परिणामस्वरूप जनता ने उन पर विश्वास जताया और 2217 मतों से जिताकर भोपाल भिजवाया। 2013 में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी। आलोक चतुर्वेदी पज्जन रनर रहे। 2018 में पार्टी ने टिकिटों का बंटवारा करते हुए ललिता यादव को मलहरा से प्रत्याशी बनाया और दो बार नगर पालिका अध्यक्ष रहीं अर्चना गुड्डू सिंह को छतरपुर से प्रत्याशी बनाया। यह मुकाबला भी कांटे का था लेकिन आलोक चतुर्वेदी पज्जन लगभग 3500 मतों से विजयी रहे। छतरपुर विधानसभा से भाजपा की ओर से पूर्व प्रत्याशी अर्चना गुड्डू सिंह मैदान में उतरने की आस लगाए थीं इसके अलावा अशोक दुबे, उमेश शुक्ला को भी टिकिट मिलने की उम्मीद थी। ढाई माह पहले छतपुर से उम्मीदवार की घोषणा कर भाजपा ने टिकिट पाने की जोड़तोड़ पर विराम लगा दिया है। एक ओर जहां भाजपा सरकार ने विकास के कई कार्य किए हैं वहीं दूसरी ओर छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन ने गांव-गांव में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है। छतरपुर का विधानसभा चुनाव न केवल कांटे के मुकाबले का होगा बल्कि बेहद रोमांचक भी होने वाला है। छतरपुर विधानसभा में 215570 मतदाता हैं।
महाराजपुर विधानसभा सीट वर्तमान में कांग्रेस के खाते में हैं। यहां के विधायक नीरज विनोद दीक्षित युवा हैं। युवाओं के बीच उन्होंने अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है। इसके अलावा अपने क्रियाकलापों से भी क्षेत्र के लोगों को प्रभावित किया है।
वर्तमान में कांग्रेस नीरज दीक्षित पर फिर से दांव लगा सकती है लेकिन जब तक कांग्रेस की टिकिट घोषित नहीं हुईं तब तक ऊहापोह की स्थिति भी बनी हुई है। इसी सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी की पुत्री निधि चतुर्वेदी चुनाव लडऩे की ख्वाहिश मन में पाले हैं। यह बात सत्य है कि नीरज विनोद दीक्षित का परिवार आज जिस राजनैतिक स्तर पर पहुंचा है उसमें कहीं न कहीं सत्यव्रत चतुर्वेदी का वरदहस्त रहा है। नीरज दीक्षित ने भाजपा के मानवेन्द्र सिंह को 14 हजार मतों से हराया था। कांग्रेस के युवा विधायक नीरज दीक्षित को यदि फिर से कांग्रेस उम्मीदवार बनाती है तो उनके सामने भाजपा ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य व मानवेन्द्र सिंह के पुत्र कामाख्या प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। महाराजपुर के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो 2008 में मानवेन्द्र सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 1391 मतों से विजयी हुए थे। 2013 में भाजपा की टिकिट से मानवेन्द्र सिंह लंबे अंतर से विजयी हुए थे। उन्होंने बसपा के राकेश पाठक को 15721 मतों से शिकस्त दी थी। 2018 में भाजपा ने मानवेन्द्र सिंह को फिर से मैदान में उतारा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पिछले तीन पंचवर्षीय चुनावों में मानवेन्द्र सिंह महाराजपुर से विधानसभा उम्मीदवार रहे हैं। इस बार पार्टी ने पिता के स्थान पर पुत्र को तरजीह दी है। देखना यह होगा कि भाजपा का यह बदलाव क्या गुल खिलाता है। महाराजपुर में 223507 मतदाता हैं। उल्लेखनीय है कि महाराजपुर से भाजपा की ओर से चुनाव लडऩे की हसरत पाल रहे ठेकेदार हरगोविंद गुप्ता, कृष्णा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ब्रजेन्द्र सिंह गौतम तथा भाजपा के महाराजपुर के युवा नेता मानिक चौरसिया के अरमानों पर पानी फिर गया।

केन्द्रीय और प्रदेश नेतृत्व का जताया आभार, कार्यकर्ताओं ने फोड़े पटाखे

भाजपा से छतरपुर विधानसभा की प्रत्याशी बनाई गईं पूर्व मंत्री ललिता यादव ने पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व का आभार जताया है। उन्होंने मीडिया को जारी बयान में कहा कि पार्टी ने जो भरोसा व्यक्त किया है उस पर वह खरा उतरने की कोशिश करेंगी। उन्होंने छतरपुर की जनता का धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए छत्रसाल चौराहे पर आतिशबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि भाजपा सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा है। इस मौके पर रघुनाथ शर्मा, नरेन्द्र सिंह यादव, हल्के यादव, शंकर यादव, हृदेश यादव सहित दो दर्जन कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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