रास्ता नहीं मिलने पर छात्र छात्राओं ने कहा नहीं मनाएंगे स्वतंत्रता दिवस, ग्रामीण बोले नहीं करेंगे मतदान
छातरपुर । जिला मुख्यालय से सटे गांव में ग्रामीण मूल भूत सुविधाओं के लिए सालों से भटक रहे हैं। ढडारी के रसुइया भाटन में राधे नगर रोड करीबन एक साल से पूर्णतः बंद है । एक साल पहले तक ग्रामीण जिस रास्ते से निकलते थे वहां निजी भूमि होने के कारण भूमि स्वामी ने आवागमन का रास्ता बंद कर दिया है । अब ग्रामीण न तो शहर तक जा पा रहे हैं न ही बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं । स्कूल न जा पाने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है ।
मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे स्कूली छात्र छात्राओं के साथ ग्रामीणों ने जिला पंचायत के सामने जमकर हंगामा काटा । हंगामे और जिला प्रशासन हाय हाय के नारों के बीच तहसीलदार रंजना यादव स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों को समझाने पहुंचीं मगर ग्रामीण सिर्फ कलेक्टर संदीप जी आर से मिलने पर अड़े रहे और उन्होंने तहसीलदार रंजना यादव से बात करने से मना कर दिया । तब मोर्चा सम्हालने एस डी एम बालवीर रमन पहुंचे उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का बहुत प्रयास किया। मगर लोग इन अधिकारियों से बात करने से मना करते रहे ।
कलेक्टर से मिलने पर अड़े रहे ग्रामीण
तहसीलदार और एस डी एम की समझाइस का कोई असर होते न देख पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा । मौके पर पहुंचे कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी ने भी ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों को समझाने की कोशिश की । सारी कोशिशें नाकामयाब होते देख आखिरकार कलेक्टर संदीप जी आर जन सुनवाई छोड़ कर बाहर निकले और ग्रामीणों से बात की ।
ग्रामीणों ने कलेक्टर को सुनाई आपबीती
कलेक्टर से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक पहुंचने के लिए एक ही रास्ता होने के कारण आवागमन लगभग बंद हो गया है। जिला मुख्यालय से सटे होने के बाद भी हम जंगलियों जैसा जीवन जीने को मजबूर हैं । आने जाने के लिए दूसरा रास्ता न होने से बड़ी मुश्किल से तार बाड़ी हटाकर, लांघकर जैसे तैसे खेतों से निकलकर कहीं जाना पड़ता है ।
स्कूल यूनिफॉर्म में व्यथा सुनाने पहुंची छात्राएं
लगभग आठ माह से स्कूल न जा पाने का दर्द लिए स्कूली छात्राएं स्कूल यूनिफॉर्म में ही कलेक्टर से मिलने पहुंची । छात्राओं ने बताया कि यदि हमारे स्कूल जाने का रास्ता नहीं मिला तो हमारा साल खराब हो जाएगा ।
रास्ता नहीं तो 15 अगस्त को नहीं फहराएंगे तिरंगा
मायूसी और गुस्से के मिश्रित भाव लिए छात्राओं ने कलेक्टर से रास्ता दिलाए जाने की गुहार लगाते हुए कहा कि यदि हमें रास्ता नहीं मिला तो हम इस बार स्कूल में 15 अगस्त का कार्यक्रम नहीं मनाएंगे और न ही स्कूल में झण्डा फहराया जाएगा ।
ग्रामीणों ने कहा चुनाव का करेंगे बहिष्कार
सरकार से रास्ते की मांग करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि हम सालों से रास्ते के लिए भटक रहे हैं। सारे देश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है मगर हमें आज भी गुलामी जैसे हालात में जीना पड़ रहा है। यदि हमें गांव में आने जाने का रास्ता और हमारे बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए रास्ता नहीं मिला तो हम इस बार विधानसभा चुनाव में वोट डालने जाएंगे । जिला पंचायत के बाहर स्कूली छात्राओं ने जिला प्रशासन मुर्दावाद के नारे भी लगाए । हम अपना अधिकार मांगते नही किसी से भीख मांगते जैसे नारों से पूरा परिसर गूंजता रहा।
कलेक्टर के आश्वासन के बाद लौटे ग्रामीण
हंगामे के बाद ग्रामीणों और छात्राओं से मिलने पहुंचे कलेक्टर संदीप जी आर ने धैर्य से ग्रामीणों और बच्चों से बात करते हुए उन्हें रास्ता दिलाए जाने के लिए आश्वस्त किया। तब जाकर ग्रामीण माने और रास्ता मिलने का इंतजार लिए हुए वापस लौट गए ।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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