माणा हिमस्खलन त्रासदी: मुख्यमंत्री धामी की सक्रिय निगरानी में राहत कार्य तेज, अब तक 50 श्रमिक सुरक्षित निकाले गए
देहरादून | 01 मार्च 2025
उत्तराखंड के माणा क्षेत्र में आए हिमस्खलन के बाद राज्य में एक अभूतपूर्व आपदा राहत अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं और राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से लेकर ग्राउंड ज़ीरो तक हालात की निगरानी कर रहे हैं।
50 जिंदगियाँ सुरक्षित, 5 श्रमिकों की खोज जारी
हिमस्खलन की चपेट में आए 17 श्रमिकों को शनिवार सुबह रेस्क्यू किया गया, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब तक कुल 50 श्रमिकों की जान बचाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 5 श्रमिकों की खोजबीन अभी भी जारी है और उनकी सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

हवाई सर्वेक्षण से लेकर कंट्रोल रूम तक मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार सुबह बदरीनाथ और माणा क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और तत्पश्चात ज्योतिर्मठ में राहत कार्यों की समीक्षा बैठक ली।
इसके बाद वे सीधे यूएसडीएमए, देहरादून स्थित राज्य कंट्रोल रूम पहुंचे और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
“जब तक आखिरी व्यक्ति सुरक्षित बाहर नहीं आ जाता, हमारा अभियान रुकेगा नहीं,” – मुख्यमंत्री धामी
केंद्र सरकार से पूरा समर्थन
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं फोन कर राहत कार्यों की जानकारी ली और हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।
गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
बर्फ में दबे कंटेनरों की तलाश जारी, हाईटेक तकनीक का सहारा
अब तक 5 कंटेनर ट्रेस कर लिए गए हैं।
हालांकि भारी बर्फबारी के कारण 3 कंटेनर अभी भी लापता हैं।
इनकी तलाश में:
- सेना के स्निफर डॉग्स
- ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (GPR)
- और सघन पेट्रोलिंग टीम को लगाया गया है।
हेलीकॉप्टर, डॉक्टर और आपदा टीमें मुस्तैद
01 मार्च को रेस्क्यू में शामिल:
- MI-17, चीता और राज्य हेलीकॉप्टर
- AIIMS ऋषिकेश की एयर एम्बुलेंस
- जोशीमठ में अब तक 29 श्रमिकों को पहुंचाकर इलाज शुरू कर दिया गया है।
बर्फ में घिरे गांवों से संपर्क बहाली के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए कि:
- जिन गांवों से संपर्क टूटा है, वहां सेटेलाइट फोन और QDA (क्विक डिप्लॉयमेंट एंटीना) के जरिए संचार बहाल किया जाए।
- बिजली और इंटरनेट सेवाएं शीघ्र बहाल की जाएं।
- सभी आवश्यक वस्तुएं – राशन, दवाएं, कंबल – तत्काल पहुंचाई जाएं।
हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों से श्रमिकों को हटाया जाएगा
भारी बर्फबारी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने सभी निर्माण स्थलों पर काम कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग को एडवाइजरी जारी करने को भी कहा गया है।
अलकनंदा के जमने पर सतर्कता, विशेषज्ञों से रिपोर्ट तलब
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान देखा कि अलकनंदा नदी का जल जम रहा है। उन्होंने विशेषज्ञ संस्थानों को सर्वे कर खतरे का मूल्यांकन करने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
औली और हर्षिल जैसे इलाकों से पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को सैलानियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया है। साथ ही पर्यटकों से अगले तीन दिनों तक इन क्षेत्रों की यात्रा टालने की अपील की गई है।
सीएम की सतत निगरानी में चल रहा है देश का सबसे संगठित राहत अभियान
इस ऑपरेशन में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, अग्निशमन, खाद्य विभाग समेत करीब 200 कर्मी लगातार कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी स्वयं राज्य नियंत्रण कक्ष से पल-पल की स्थिति पर नजर रख रहे हैं और हर स्तर पर समन्वय सुनिश्चित कर रहे हैं।

Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
Authentic news.