Explore

Search

Sunday, December 22, 2024, 11:27 am

Sunday, December 22, 2024, 11:27 am

सुविधा से अधिक संबंध को ध्यान में रखते तो जेल नहीं आते..

जेल
Share This Post

छतरपुर। आनंद विभाग द्वारा जिला जेल में अल्पविराम कार्यक्रम के दौरान कैदियों ने स्वीकार किया कि यदि वह सुविधा की जगह संबंधों को अधिक महत्व देते तो आज वह जेल में नहीं होते। जेलर रामशिरोमणि पाण्डेय की उपस्थिति में राज्य आनंद संस्थान की ओर से लखनलाल असाटी, आशा असाटी, शिवनारायण पटेल, कृष्णपाल सिंह परिहार, केएन सोमन, विमला सोमन द्वारा अल्पविराम सम्पन्न कराया गया जिसमें जेल शिक्षक उवेश ठाकुर के साथ अनेक कैदियों ने सहभागिता की।

लखनलाल असाटी ने कहा कि सुविधा के अभाव में पशु और मानव दोनों परेशान होते हैं। भोजन मिल जाने पर पशु आराम में आ जाता है जबकि मनुष्य दूसरी सुविधा पर विचार करने लगता है। यह जो विचार प्रक्रिया की क्षमता है वही मानव को पशु से अलग और श्रेष्ठ बनाती है पर जब हम सिर्फ और सिर्फ सुविधा पर फोकस करते हैं तब संबंधों का ध्यान नहीं रखते हैं, हमारा व्यवहार शासक और शोषक का हो जाता है। कृष्णपाल सिंह परिहार, शिवनारायण पटेल तथा केएन सोमन ने अपने जीवन से जुड़ी उन घटनाओं को बताया जहां वह यदि गलत निर्णय लेते तो आज इस स्थिति में नहीं होते। कैदियों को कुछ समय शांत रहकर इस प्रश्न पर विचार करने के लिए कहा गया कि जिस घटना के कारण आज वह जेल में हैं क्या उसे टाला जा सकता था।

कैदियों ने स्वीकार किया कि हां उन्होंने ठीक-ठीक विचार नहीं किया। संबंधों का भी सही-सही निर्वाह नहीं किया जिस कारण उन्हें इस परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अल्पविराम के माध्यम से उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिस कार्य को वह अपने परिवार की भलाई के लिए करना मान रहे हैं वस्तुत: वह कार्य ही पूरे परिवार के लिए दुख का कारण बन गया। एक कैदी ने अल्पविराम के माध्यम से आए अपने बदलाव को साझा किया और कहा कि पिछले पांच सालों से वह जेल में आयोजित होने वाले अल्पविराम कार्यक्रम को आत्मसात कर योग में केन्द्रित हो गए हैं जिस कारण उन्हें आत्मिक शांति मिली है और बाहरी सुविधाओं से ध्यान हट गया है।


Share This Post

Leave a Comment