भोपाल: रेलवे के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करने वाला सबसे महत्वपूर्ण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के केंद्र में विराजमान सर्वश्रेष्ठ कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी जो वर्तमान में मीडिया की खुशफहमी के कारण लोकप्रियता के मामले में निरंतर पहले पायदान पर बने हुए हैं संभवत इस समाचार को पढ़ने के बाद अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखने के लिए शायद कुछ कठोर प्रशासनिक कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे क्योंकि मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में उनके विभाग द्वारा निर्मित उनके द्वारा ही उद्घाटित 60 करोड़ रुपए की लागत का पुल उनके द्वारा उद्घाटन किए जाने के पश्चात कुछ माह बादही ताश के पत्तों की तरह ढह गया है जो केंद्रीय मंत्री महोदय की प्रशासनिक दक्षता को प्रदर्शित करता है. मीडिया के माध्यम से अपने स्वयं के काम का आकलन अपने हिसाब से करवाना और धरातल पर उन्हीं कामों की इस प्रकार से धज्जियां उड़ना सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रिय सरकार की साख को भी बट्टा लगाता है. अब समय आ गया है पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु की असफलता पूर्ण पारी के बाद जिस प्रकार उनके काम पर पूर्ण विराम लगाया गया था उसी प्रकार यह विभाग भी अपनी कार्यक्षमता और कार्यशैली के कारण परिवर्तन की मांग कर रहा है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. मंत्री कोई भी हो जब वह एक लंबे अंतराल तक एक ही विभाग की बागडोर संभाले रहता है तब कहीं ना कहीं समस्या उत्पन्न होती ही हैं वैसे भी परिवर्तन प्रकृति का नियम है और परिवर्तन के बाद कुछ ना कुछ अलग हटकर कार्यशैली अपना मूर्त रूप लेती ही है इस बिंदु पर नीति निर्माताओं को अवश्य सोचना चाहिए. क्योंकि भूतकाल में भी इस विभाग की कार्यशैली एवं कार्यों की देश के विभिन्न विभिन्न भागों से छन छनकर जो सूचनाएं जो समाचार आ रहे हैं वह सुखद नहीं है. घटिया निर्माण कार्यों . विलंबित निर्माण कार्यों के कारण देश को ना केवल आर्थिक हानि उठाना पड़ रही है वही आम जनजीवन को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कु प्रबंधन के साथ ही प्रशासनिक सख्ती के अभाव में इस विभाग के अधिकारी आज अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं इसी का उदाहरण है निवाड़ी ब्रिज जो लगता है बगैर किसी एक्सपर्ट की सलाह के जंगल एरिया के खतरनाक नाले पर जिसे पिलर डालकर बनाया जाना चाहिए था उसे छोटे-छोटे पाइप डालकर बना दिया गया और वह पहली ही बारिश का बैग नहीं रहते हुए धाराशाही हो गया देखा जाए तो वर्तमान में अकर्मण्य अधिकारियों की पूरी फौज सिर्फ मध्यप्रदेश में ही तैनात है और इसका प्रमुख कारण है केंद्रीय स्तर पर कु प्रबंधन जो केंद्र सरकार की छवि धूमिल करने के लिए पर्याप्त है. अब समय आ गया है इस प्रकार के प्रकरणों में केंद्र सरकार जिम्मेदारों के विरुद्ध ऐसी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करे जो विभाग के लिए भविष्य में नजीर बन सकेl
-शिव मोहन सिंह-
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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1 thought on “नितिन गडकरी की खुशफहमी पर बट्टा लगाते उनके अधिकारी”
प्रदेश की सड़कों पर जहां-जहां डिवाइडर बनाए गए है यदि एनएचएआई का रोड है तो केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय और यदि एमपीआरडीसी का रोड है तो दोनों विभागों को इन डिवाइडर पर रेडियम पेंट लगाने के सख्त निर्देश शासन प्रशासन को प्रसारित करना चाहिए