एक लाइन का प्रस्ताव और विधायक दल के नेता का चयन
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शिवराज सिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूं ही नहीं 56 इंच के सीने वाला करिश्माई नेता कहा जाता है. वह हमेशा औरों से अलग सोचते हैं और अलग करते हैं. वह कहावत की जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सटीक बैठती है. दूसरे राजनीतिक, पत्रकार और विश्लेषक जिस बात को सोच नहीं पाते हैं. वह कार्य नरेंद्र मोदी कर दिखाते हैं. इसीलिए तो देश और दुनिया के अन्य नेताओं की अपेक्षा लोकप्रियता की रेटिंग में शीर्ष पर हैं. जिस तरह नेपोलियन बोनापार्ट की डिक्शनरी में असंभव शब्द नहीं था उसी तरह मोदी‐शाह की भारतीय जनता पार्टी में न और असहमति जैसे शब्दों का कोई स्थान ही नहीं है. पहले की भारतीय जनता पार्टी में रहा भी होगा तो अब नहीं बचा. क्योंकि वह जो सोचते हैं, वही करते हैं, और वह जो सोचते और करते हैं, वही सही है. और जो सही है, उसमें असहमति प्रकट करने की हिम्मत किसी की नहीं है.
इस स्थिति तक पहुंचाने के लिए उन्होंने कुछ नियम तय किए हैं. और उनके द्वारा निर्धारित नियम सभी को मानना आवश्यक है.
अब छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चयन के मामले को ही देख लीजिए. क्या कोई सोच सकता था कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को बायपास करके विष्णु साय को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा. इतना ही नहीं रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनने पर सहमत भी कर लिया जाएगा. इसी तरह मध्य प्रदेश में चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव करवाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व प्रदेश से अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट से समर्थन करवाकर मुख्यमंत्री के नाम की मोहर लगवा ली जाएगी. इतना ही नहीं दो बार के प्रदेश अध्यक्ष, दो बार कैबिनेट मंत्री रहे और 9 साल से अधिक से वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाने की भी सहमति हासिल कर ली. यह करिश्मा नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा कोई और कर ही नहीं सकता जहां मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में आधा दर्जन से अधिक लोगों को सामने रखकर चुनाव लड़ाया और उनके नाम भी मीडिया में उछाले गए किंतु असली चेहरा छुपा के रखा गया और वक्त आने पर इन्हीं आधा दर्जन दावेदारों से उसके नाम का प्रस्ताव और अनुमोदन करा लिया गया. एक दूसरे के नाम को लेकर जो नेता आपस में उलझ रहे थे. मोदी के दिए हुए नाम पर किसी ने उफ तक नहीं की. यही है मोदी का 56 इंच का सीना और उनका दबदबा. गजब का अनुशासन है भारतीय जनता पार्टी में.
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Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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