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मुख्यमंत्री धामी ने साहित्य साधकों को किया नमन

उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान 2024
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“उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान 2024”: मुख्यमंत्री धामी ने साहित्य साधकों को किया नमन, संस्कृति संरक्षण को दी नई दिशा

देहरादून | 19 मई 2025
उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक चेतना को सम्मानित करने के उद्देश्य से आज देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी सभागार में “उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान 2024” समारोह का भव्य आयोजन किया गया। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं प्रतिभाग कर वरिष्ठ साहित्यकारों एवं भाषाविदों को सम्मानित किया।

“शब्द साधकों” के प्रति राज्य का नमन

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा,

“यह सम्मान केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि हमारे शब्द साधकों के प्रति श्रद्धा और साहित्य की शक्ति को समर्पित एक प्रयास है। उत्तराखंड की आत्मा उसके साहित्य में बसती है।”

इस गरिमामयी अवसर पर प्रदेश के शीर्ष साहित्यिक सम्मान “उत्तराखंड साहित्य भूषण” से प्रतिष्ठित लेखक श्री सुभाष पंत को अलंकृत किया गया।

सम्मानित साहित्य साधक — शब्दों से संवारी संस्कृति

कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में 21 साहित्यिक विभूतियों को सम्मानित किया गया। कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

  • सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार – डॉ. दिनेश पाठक
  • शैलेश मटियानी पुरस्कार – श्री ललित मोहन रयाल
  • महादेवी वर्मा पुरस्कार – श्री शशिभूषण बड़ोनी
  • गौरा पंत ‘शिवानी’ पुरस्कार – श्रीमती शमा खान
  • गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ पुरस्कार – डॉ. पवनेश ठकुराठी
  • अन्य विशिष्ट पुरस्कारों से भी 15 से अधिक लेखकों को नवाजा गया, जिन्होंने गद्य, कविता, लोकसंस्कृति, अनुवाद व शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

राज्य सरकार की साहित्यिक नीति — सम्मान से आगे भी

मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार केवल सम्मान तक सीमित नहीं, बल्कि स्थायी सांस्कृतिक संरचना के निर्माण में भी संलग्न है। उन्होंने बताया:

  • वर्ष 2024 से 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की शुरुआत की गई है।
  • 45 लेखकों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
  • हिंदी के साथ-साथ स्थानीय भाषाओं व बोलियों में ग्रंथ प्रकाशन हेतु अनुदान की व्यवस्था की जा रही है।

“साहित्य ग्राम” का सपना होगा साकार

राज्य सरकार द्वारा दो ‘साहित्य ग्राम’ विकसित किए जा रहे हैं, जहाँ साहित्यकारों को न केवल आवासीय सुविधा मिलेगी, बल्कि पुस्तकालय, शोध केंद्र, और संगोष्ठी कक्ष जैसी आधुनिक साहित्यिक अधिष्ठान भी स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण: साहित्यिक पर्यटन और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था

धामी ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक गहराई को साहित्यिक पर्यटन से जोड़ा जाएगा, जिससे न केवल लेखकों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नया आधार मिलेगा।

“हम उत्तराखंड को साहित्यिक चेतना और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाना चाहते हैं। जिस मिट्टी ने पंत, मटियानी और गिर्दा जैसे साहित्यकारों को जन्म दिया, वह आज भी प्रेरणा का स्रोत है।”

पुस्तक मेला और नई इमारत की घोषणा

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने परिसर में पुस्तक मेले का उद्घाटन किया और उत्तराखंड भाषा संस्थान के नए भवन निर्माण हेतु आवश्यक निर्देश भी जिलाधिकारी देहरादून को दिए।

उपस्थित रहे साहित्य एवं प्रशासनिक क्षेत्र के दिग्गज

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री खजान दास, भाषा संस्थान की निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया, तथा साहित्य जगत की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहीं।


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