-शिव मोहन सिंह-
भोपाल: भोपाल इंदौर हाईवे जिसका संसाधन एवं टोल वसूली एमपीआरडीसी के जिम्मे है जिस मार्ग पर प्रतिदिन ना जाने कितने रसूखदार आम परिवहन करते हैं उसकी दुर्दशा की ओर किसी का ध्यान नहीं है. वर्तमान में हम हाईवे के सिर्फ आष्टा सेक्शन की बात कर रहे हैं जिसको सजाने एवं सवारने में वर्तमान में एमपीआर डीसी प्रबंधन जोर शोर से लगा हुआ है भारी अमले के साथ पौधों की कटाई एवं छटाई का काम चल रहा है जो आवश्यक तो है लेकिन अति आवश्यक नहीं अति आवश्यक कार्यों में महत्वपूर्ण है हाईवे के गड्ढों को भरने का काम जो युद्ध स्तर पर नहीं चींटी की गति से रेंग रहा है अमलाहा ग्राम में तो हाईवे पर दर्जनों की संख्या में बड़े-बड़े गड्ढे विद्यमान हैं हालांकि ऐसा नहीं है कि यह गड्ढे दो-चार दिन में हुए हो लेकिन प्रबंधन को इनके भरने की सुध अब बारिश के प्रारंभ होने के बाद आई है और ऐसी बारिश के बीच रिपेयरिंग वर्क कितने दिन सर्विस दे पाएगा यह भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है वास्तव में प्रबंधन यदि शासन प्रशासन के प्रति अपनी कर्तव्य निष्ठा को प्रदर्शित करना ही चाहता था तो उसे यह गड्ढे जिस प्राथमिकता के साथ वह टोल वसूल रहा है उसी प्राथमिकता के साथ बारिश प्रारंभ होने के पूर्व ही भर देना चाहिए था अब बारिश में आम परिवहन को गड्ढों में भरे हुए पानी के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा वही रात के समय भारी दुर्घटनाओं के अंदेशा से इनकार नहीं किया जा सकता अभी भी मात्र दो-चार दिन का समय है यदि प्रबंधन जिस प्रकार युद्ध स्तर पर पेड़ों की कटाई एवं छताई का काम भारी अमले से करवा रहा है उसे कुछ समय के लिए स्थगित कर युद्ध स्तर पर भोपाल इंदौर मार्ग पर उभर आए बड़े-बड़े गड्ढों को भरने का काम करना चाहिए जैसा कि आप और हम सभी जानते हैं प्रदेश की वाणिज्य राजधानी इंदौर के लिए आवागमन हेतु यह अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है और जिस ईमानदारी और निष्ठा के साथ एमपीआरडीसी प्रबंधन आम परिवहन से टोल वसूली के अपने कर्तव्य को निभा रहा है उसी ईमानदारी और निष्ठा के साथ उसे इस मार्ग के संसाधन एवं संधारण पर भी ध्यान देना चाहिए. वहीं शासन में बैठे हुए वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस महत्वपूर्ण विषय पर संज्ञान लेते हुए विभाग के निचले तबके कै अधिकारियों को इस विषय में त्वरित संज्ञान लेने हेतु निर्देशित करना चाहिए.
