क्या भूपेश बघेल अपने आपको राहुल गांधी से ऊपर मानते हैं?
*पत्रकारों को जेल में डालना, मेरे आवास पर पुलिस की दो टीमें भेजना, क्या भूपेश बघेल की नफरती सोच दर्शाती है?*
*पिछले 13 दिनों में छत्तीसगढ़ में आठ पत्रकार गिरफ्तार*
*विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन*
जनता की सुरक्षा की दुहाई देने वाली सरकार अगर जनता के दुश्मन बन जाए तो उस राज्य और वहां की जनता के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य भला क्या हो सकता है? छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार की कार्यशैली के आगे जनता की सुरक्षा से जुड़े सभी वायदे फेल दिखाई पड़ रहे हैं। यही नहीं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दी जाने वाली सुरक्षा भी मुख्यमंत्री बघेल के आगे बौनी साबित हुई। भूपेश बघेल एक-एक कर कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले पत्रकारों को जेल के अंदर भेज रही है और उनका मानसिक शोषण कर रही है। बोलने की जरूरत नहीं कि बगैर मुख्यमंत्री के संज्ञान के यह हो सकता है। हास्यास्पद बात यह है कि प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून भी है जो पत्रकार को सुरक्षा दे रही है। ऐसे में कोई कानून के हिसाब से प्रदेश नहीं चलाया जा रहा। प्रदेश में भूपेश बघेल उनकी चौकड़ी अब सरकार चला रहीं है।
*राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान vs भूपेश बघेल की नफरत की दुकान*
राहुल गांधी आजकल देश में विदेश में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं, उनका मानना है कि देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। सच की आवाज उठाने वाला कोई नहीं। देश में कानून का राज नहीं एक व्यक्ति का राज है जो अपनी मर्जी से देश चलाते हैं। इसलिए वो हर जगह मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। वैसे उनकी यह सारी बातें उनकी पार्टी से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सटीक तौर पर बैठती हैं। इसके भरपूर साक्ष्य तो मैंने ही छापे हुए हैं। मनमाफिक तौर से भ्रष्टाचार करना आज इनके सारे खास अधिकारी जेल में हैं या तो जेल जाने की तैयारी कर रहे हैं। वो भले ही कहे कि केंद्र की साजिश हो रही है पर हरेक के यहां करोड़ों अरबों की धन दौलत निकलना कोई साजिश नहीं हो सकती। भूपेश राज में पुलिस का बेजा गलत इस्तेमाल किया गया। जिसने इनके खिलाफ बोला या लिखा उसके खिलाफ कोई मामला रजिस्टर कर अंदर कर दिया जाता है। आज छत्तीसगढ़ के हालत इमरजेंसी से भी खराब हो गए हैं। पिछले 13 दिनों में 08 पत्रकारों की धरपकड़ कर जेल भेजा जा चुका है। छत्तीसगढ़ पुलिस निजी फोर्स की तरह इस्तेमाल की जा रही है। आज छत्तीसगढ़ में नफरत की दुकानों का मार्केट सज गया है। लगता है भूपेश बघेल के विचार उनके नेता के विचारों से ठीक उलट चलते हैं।
*छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस की दो टीम मेरे भोपाल स्थित आवास पर आयी*
*दोपहर में दिया नोटिस दिया, रात में मेरे घर हमला हुआ*
भूपेश बघेल के आदेश पर दुर्ग-भिलाई से दो पुलिस टीम मेरे लिए भोपाल भेजी गई। एक टीम ने मुझे पूर्व महादेव ऐप को लेकर नोटिस दिया जो कि मुझे पांच माह पूर्व दिए नोटिस की कॉपी था। उल्लेखनीय है कि मैंने इसका उत्तर पांच माह पूर्व भी दिया था। नियमानुसार फिर से इस बार इस नोटिस का जवाब भी 12 मार्च 2023 को पोस्ट द्वारा भिलाई भट्टी थाने को भिजवा दिया है। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे डिटेंशन के लिए अड़ी है, वो मुझे डिटेन कर रायपुर ले जाना चाहते हैं या रास्ते में हत्या करना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी आरिफ शेख जिनके खिलाफ केंद्र में जांच भी चल रही है वो मध्यप्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों से डिटेंशन के लिए बात करते रहे, मेरे खिलाफ साजिशें रच रहे है। जैसा कि मैंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून का राज नहीं चल रहा है पर देश तो उससे ही चलता है। कोई भी गैर कानूनी कार्य के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सीधे मना कर दिया गया। रात में किसी अज्ञात ने मेरे घर में हमला कर दिया। उल्लेखनीय है कि यह हमला क्यों हुआ, और किसने किया, मेरी हत्या से सबसे ज्यादा फायदा किसे होगा यह तो जगजाहिर है। छत्तीसगढ़ की दूसरी टीम जो भोपाल कल शाम तक थी उसने पुलिस में अपनी आमद क्यों नहीं दिखलाई? प्रश्न यह उठता है कि क्या पत्रकारों को इस तरह रौंधने के काम को ही मोहब्बत की दुकान कहते हैं। निश्चित तौर पर राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ के इस नफरती मॉडल के बारे में जरूर प्रश्न होगा। जहां एक और विदेश में जाकर पत्रकारों पर एट्रोसिटी की बात आप उठाते हैं पर वहीं पत्रकारों पर फर्जी मामले लादकर छत्तीसगढ़ सरकार जेल भिजवाती है, पत्रकारों के जेब में ड्रग्स रखकर मामले दर्ज करवाती है। मेरे खिलाफ नकली मामला फैब्रिकेट करने की कोशिश की जाती है।
बड़ा सवाल यह है कि भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी से आते हैं जो “लोकतंत्र की स्वतंत्रता” के नरेटिव को लेकर 2024 लोकसभा चुनावों में जायेगी, ऐसे में दमनकारी काम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में कर रहे वो उनके नेता राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ 2024 में निश्चित तौर पर जाएगा। भूपेश बघेल आप मेरी हत्या करवा सकते हैं, मुझे जेल में डाल सकते हैं, पर मेरी पत्रकारिता की सोच नहीं खत्म कर सकते हैं। आपकी पार्टी और आपके नेताओ से हर मंच पर आपकी तानाशाई पर प्रश्न उठाए जायेंगे।
*लोकतंत्र की व्यवस्था को बिगाड़ रहे बघेल*
राज्य में बघेल सरकार की भ्रष्टाचार की जड़े इतनी फैल चुकी हैं कि अगर जांच एजेंसियां इन पर कार्यवाही करें तो महीनों लग सकते हैं। इनके भ्रष्टाचार की परतें खोलने में। खुद को जनता का हितैषी बताने वाले भूपेश बघेल ने जनता के भरोसे को तोड़ा है और अब आगे भी उन्हीं के भरोसे पर सत्ता में वापसी का सपना देख रहे हैं। बघेल ने पत्रकारों पर हमला कर लोकतंत्र की बनी बनाई पूरी प्रक्रिया को बिगाड़ दिया और मनचाहे ढंग से किसी भी पत्रकारों पर कार्यवाही करने की योजना को अंजाम दे रहे हैं। जबकि देखा जाए तो यह नियम के खिलाफ है। लेकिन बघेल सत्ता के नशे में इतना चूर हैं कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या और क्यों कर रहे हैं? अब देखने वाली बात यह है कि बघेल की इस कार्यशैली को जानने के बाद कांग्रेस प्रमुख और वरिष्ठ नेता क्या क़दम उठाते हैं?
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
Authentic news.