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अपात्र अध्यक्ष पुत्र के द्वारा बैंक के गोपनीय रिकॉर्ड के साथ की गई हेरा फेरी, 3 सदस्यीय जांच कमेटी नियुक्त

अपात्र अध्यक्ष पुत्र के द्वारा बैंक के गोपनीय रिकॉर्ड के साथ की गई हेरा फेरी, 3 सदस्यीय जांच कमेटी नियुक्त चिटफंड का मास्टर माइंड प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपेई ने बैंक को लगाई लाखों की चपत
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चिटफंड का मास्टर माइंड प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपेई ने बैंक को लगाई लाखों की चपतI

छतरपुर। सदभाव नागरिक सहकारी मर्यादित बैंक छतरपुर में भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट ने बैंक के संचालक मंडल के 12 सदस्यों में से 7 सदस्यों को अपात्र माना है, तो वही निर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती रानी सुलोचना बाजपेई की बैंक की सदस्यता चुनाव के लगभग 6 माह पहले की है। जबकि चुनाव की सदस्यता कम से कम 2 साल पहले की होना जरूरी है। चुनाव के समय जो डायरेक्टर निर्वाचन अधिकारी श्याम छत्री द्वारा पात्र किए गए उनमें से ज्यादातर डायरेक्टरों के बैंक में खाता ही नहीं है, तो वही कुछ लोगों के खाते 2 साल पुराने नहीं है। आरबीआई की रिपोर्ट में जिन सात लोगों को अपात्र किया है उनमें से 6 डायरेक्टरों के बैंक में खाते नहीं है, और तीन डायरेक्टर डिफॉल्टर है। जो कि संचालक मंडल की सदस्यता के लिए पात्र नहीं है, उनको भी निर्वाचन अधिकारी द्वारा पात्र किया गया, जो कि एक जांच का विषय है। जिसमें निर्वाचन अधिकारी श्याम छत्री पर लाखों के लेनदेन के लगते आ रहे हैं आरोप। सभी बिंदुओं की जांच के लिए एन इस चौहान सहित 3 सदस्यीय टीम संयुक्त पंजीयक सागर द्वारा गठित की थी, जो एक माह में हुई जांच नहीं कर पाई, जिससे जांच कमेटी भी संदेह के घेरे में आ रही।

चिटफंड का मास्टर माइंड प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपेई द्वारा बैंक के गोपनीय रिकॉर्ड के साथ की गई हेरा फेरी 

बैंक के गोपनीय रिकॉर्ड को लेकर संचालक मंडल ने स्वयं प्रस्ताव रखा और कुछ डायरेक्टरों के साइन करा कर पास कर लिया। जिसमें बैंक का पूरा गोपनीय रिकॉर्ड एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना सुरक्षा व्यवस्था के रखवा दिया गया। जिसमें बैंक की गोपनीयता भंग हुई। बैंक के सारे नियमों को अपात्र अध्यक्ष पुत्र विनीत बाजपेई द्वारा शिथिल कर दिया गया। दूसरी जगह बैंक का रिकॉर्ड 6 से 7 माह तक बिना सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के बिना रखा रहा। सूत्रों की माने तो जिस मकान में बैंक के रिकॉर्ड को रखवाया गया था, वह मकान अध्यक्ष के ही रिश्तेदार का था। जहां बैंक द्वारा लगभग 70 से 80 हजार रुपए किराए के रूप में मकान मालिक को दिए गए। आरबीआई ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया कि निर्वाचित अध्यक्ष की सदस्यता चुनाव के ठीक कुछ माह पहले की है, लेकिन गोपनीय रिकॉर्ड में हेराफेरी कर मई 2015 में सदस्यता लेनी दर्शाया गया।

बैंक के सीबीएस को प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपाई द्वारा संचालित किया गया जिससे बैंक की गोपनीयता भंग हुई जो अपराध की श्रेणी में आता है। बैंक के सहायक लेखापाल ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपाई द्वारा बैंक के सीबीएस सिस्टम का अपने लैपटॉप पर संचालित कर रखा था। जिससे बैंक के खाता धारियों की जानकारी और लेन-देन संबंधी समस्त गोपनीए जानकारी प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपाई अपने पास रखता था। जिसको लेकर आरबीआई ने संचालक मंडल अध्यक्ष पुत्र पर कड़ी आपत्ति दर्शाई। प्रोफेशनल डायरेक्टर विनीत बाजपाई द्वारा बैंक के दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप किया गया। सीबीएस को बैंक का रेगुलर कर्मचारी ही चला सकता है। संचालक मंडल का काम है रजिस्ट्रार के द्वारा बनाए गए नियमों का बैंक में उपयोग कराना, ना कि बैंक के काम में हस्तक्षेप करना। आरबीआई रिपोर्ट में दर्शाया गया कि अध्यक्ष पुत्र विनीत बाजपाई द्वारा बैंक के खातों का संचालन किया जाता था, और बैंक के सीबीएस के चलाने का अधिकार मानते थे

बैंक में प्रोफेशनल डायरेक्टर की पात्रता –

कोई ऐसा व्यक्ति जो सी.ए. हो, वकील हो, बैंकिंग लाइन का अनुभवी व्यक्ति हो, बैंक का रिटायर्ड अधिकारी हो वही व्यक्ति प्रोफेशनल डायरेक्टर की पात्रता में आता है। प्राइवेट फाइनेंसियल और चिटफंड से जुड़ा हुआ व्यक्ति बैंक में प्रोफेशनल डायरेक्टर की पात्रता में नहीं आता है, अपात्र संचालक मंडल अध्यक्ष द्वारा पुत्र विनीत बाजपाई को प्रोफेशनल डायरेक्टर की पात्रता में रहा, जो कि गलत है।

इनका कहना है –

लिखित शिकायत के सभी बिंदुओं की बारीकी से जांच चल रही है, जल्द जांच का प्रतिवेदन संयुक्त पंजीयक सागर भेज दिया जाएगा।

एन. एस. चौहान
सहायक आयुक्त, सहकारिता छतरपुर


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