कोतवाली थाना प्रभारी की सूझबूझ से टला पठापुर रोड पर हो रही कार्यवाही का विवाद
छतरपुर। शनिवार को कलेक्टर संदीप जी आर और पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के निर्देशन में पुलिस और प्रशासन द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। हालांकि इस दौरान प्रशासन ने एक शिक्षक के मकान की बाउंड्री वाल को तोड़ दिया, जबकि शिक्षक के पास संपूर्ण दस्तावेज मौजूद थे और उसकी बाउंड्री वाल अतिक्रमण में नहीं थी। वहीं पठापुर रोड पर हो रही कार्यवाही के दौरान उपजा विवाद कोतवाली थाना प्रभारी की सूझबूझ से टल गया। शहर के लोगों में चर्चा है कि इस कार्यवाही से भू-माफियाओं के साथ-साथ आम आदमी भी प्रभावित हुए हैं इसलिए इसका प्रभाव आगामी चुनाव में देखने को मिल सकता है।
दरअसल कलेक्टर संदीप जीआर, एसपी अमित सांघी के निर्देश पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की टीम शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले भू-माफियाओं पर कार्यवाही करने के लिए शनिवार को बुलडोजर के साथ निकली। इस दौरान विश्वविद्यालय के सामने की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाया जा रहा था। इसी बीच एडीएम नम: शिवाय अरजरिया के कहने पर अतिक्रमण हटा रही नगर पालिका की टीम ने शिक्षक कौशलेंद्र शर्मा के मकान की बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया। अचानक यह कार्यवाही होते देख शिक्षक का परिवार इसका विरोध करने लगा, जिसकेबाद एएडीएम ने शिक्षक से दस्तावेज मांगे जो कि शिक्षक ने दिखा भी दिए। दस्तावेज देखने के बाद एडीएम ने नगर पालिका की परमिशन मांगी जो कि शिक्षक ने दिखा दी। इतना ही नहीं आरआई और पटवारी द्वारा मकान की नाप भी करवाई गई जिसमें सब सही पाया गया। इसके बाद एडीएम सहित पूरी टीम मौके से रफूचक्कर हो गई। इसके अलावा प्रशासन की टीम ने वहीं पास में भू-माफिया द्वारा बनाई गई बाउंड्री, जेल के पास नजूल की जमीन पर हुए कब्जे, सौंरा ग्राम पंचायत में लगभग 7 हजार वर्ग फिट जमीन खाली कराई है। इस मौके पर एडीएम, तहसीलदार, नायाब तहसीलदार, नगर पालिका सीएमओ, सीएसपी सहित भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। जहां एक ओर इस कार्यवाही की सराहना हो रही है तो वहीं दूसरी ओर यह सवाल उठ रहा है कि अतिक्रमण हटाने के बाद क्या संबंधित माफियाओं पर कार्यवाही होगी। एक सवाल यह भी है कि जब हर मौजे में पटवारी हैंतो फिर भू-माफिया कब्जा कैसे कर लेते हैं।
*बिना नोटिस दिए उखाड़ी गई गरीब की तार फैंसिंग*
भले ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने आप को गरीबों का मसीहा बताते हों लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और ही नजर आता है जिसका उदाहरण शनिवार को उस वक्त देखने को मिला जब तहसीलदार अपने अमले के साथ एक गरीब परिवार के खेत पर पहुंची। बिना नोटिस दिए कार्यवाही करने पहुंची टीम के सामने गरीब परिवार की महिला रोते हुए बता रही थी कि वह सब्जी बेचकर परिवार का पालन पोषण कराती है तथा उसने किसी जमीन पर अतिक्रमण भी नहीं किया है। तार फैंसिंग उसने जानवरों से सब्जी की सुरक्षा के लिए अपनी जमीन पर की है लेकिन तहसीलदार ने उसकी एक बात नहीं सुनी। कहा जा रहा है कि इस ताना शाही का आगामी चुनाव में सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
Author: This news is edited by: Abhishek Verma, (Editor, CANON TIMES)
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1 thought on “भू-माफियाओं पर कार्यवाही करने निकले प्रशासन ने शिक्षक के मकान की बाउंड्री वाल भी तोड़ी”
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