अमृतकाल में जनजातीय समुदाय की आकांक्षाओं का हो रहा है सम्मान – विष्णुदत्त शर्मा
आज़ादी का ये अमृतकाल, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का काल है। भारत की आत्मनिर्भरता, जनजातीय भागीदारी के बिना संभव ही नहीं है। भारत की सांस्कृतिक यात्रा में जनजातीय समाज का योगदान अटूट रहा है। गुलामी के कालखंड में विदेशी शासन के खिलाफ खासी-गारो आंदोलन, मिजो आंदोलन, कोल आंदोलन समेत कई संग्राम हुए। गोंड महारानी वीर … Read more