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आदिवासी जननायकों को कांग्रेस ने नहीं दिया सम्मान – सीएम

CANON TIMES
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आदिवासी बहनों को मिलने वाला पैसा बंद किया, तेंदुपत्ता तोड़ने वाले आदिवासियों का हक भी कांग्रेस के कार्यकाल में मारा गया

भोपाल, 14 अक्टूबर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कांग्रेस पर पलटवार
जारी है। शिवराज सिंह शनिवार को आयोजित
चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों
के हक को मारा है, प्रदेश में कांग्रेस के कमलनाथ
की सरकार के कार्यकाल में आदिवासी बहनों को हर
महीने मिलने वाली एक हजार रुपए की आर्थिक
सहायता को बंद कर दिया गया। जहां भी कांग्रेस
की सरकार रही है वहां उन्होंने सिर्फ एक खानदान
विशेष के ही स्मारक बनाएं, जबकि भाजपा ने आदिवासी
जननायकों को पूरा सम्मान और हक दिया। सीएम ने
कहा कि जबलपुर में रानी दुर्गावती का भव्य स्मारक
बनाया जा रहा है। एक और आदिवासी जननायक टंट्या
का स्मारक बनकर तैयार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को
झूठ की राजनीति करना बंद कर देना चाहिए। सीएम ने
कांग्रेस को चेतावनी के लहजे में कहा कि सुन लो प्रियंका!
हम आदिवासियों को सम्मान भी देंगे और सामान भी।
आदिवासी जननायकों के गौरव को वापस लौटाने का काम
भाजपा सरकार ने किया है। कांग्रेस के कार्यकाल में राज्य
में आदिवासी बहनों को दी जाने वाली एक हजार रुपए
की आर्थिक सहायता को बंद कर दिया गया। बहनों का
संबल बनने की जगह कांग्रेस ने उनका सहारा ही छीन लिया।
इसी तरह तंदुपत्ता तोड़ने वाले आदिवासियों के साथ भी
अन्याय किया गया।

कमलनाथ के कार्यकाल में बंद हुईं कई योजनाएं :
सीएम शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार में गरीब आदिवासी बहनों को हर महीने एक हजार रुपये दिये जाते थे। राज्य में संचालित संबल योजना से गरीबों को बल मिला था। आदिवासियों को जूते-चप्पल दिए जाते थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही यह सब बंद हो गया था। कांग्रेस ने सरकार में आते ही मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बैगा, सहरिया और भारिया बहनों को पैसे देना बंद कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में बहनों को एक हजार रुपये आहार अनुदान दिया जाता था। जिसे भी कमलनाथ के शासन में बंद कर दिया गया। ने बंद करने का महापाप किया था। कमल नाथ ने गरीबों की संबल योजना बंद कर दी थी। आदिवासियों को जूते चप्पल देना बंद कर दिया था। जूते,चप्पल, पानी की कुप्पी, साड़ी देना बंद करी थी। अब हम आदिवासियों के पांव में जूते चप्पल पहना रहे हैं।


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