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Monday, December 23, 2024, 6:07 pm

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सिक्खो की सिरमौर संस्था श्री आकालतख्त साहिब अमृतसर का उत्तर प्रदेश मैं रमैयासिख समाज के ऊपर ध्यान क्यों नहीं

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उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में नानक नाम लेवा रमैया सिख समाज ने श्री अकाल तख्त साहिब से मांगी मदद

भोपाल. राजधानी भोपाल से संचालित डिजिटल न्यूज़ चैनल खबर खालसा के प्रधान संपादक सरदार आर. एस. सिंह खालसा से रमैया सिख समाज के प्रमुख सेवादारों ने सौजन्य भेंट की और समाज के कई मुद्दों पर चर्चा भी की समाज के मुख्य सेवादार होने के नाते खबर खालसा न्यूज़ पोर्टल एवं डिजिटल चैनल में उनकी समस्याओं को प्रसारित करने की भी मांग की।

उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर मैं नानक नाम लेवा पंथी रमैया सिख करीबन 100 वर्षों से भी अधिक समय से जिला बिजनौर में निवास कर रहा हैं I इस समाज कि लगभग 27 सिंह समाए हैं और 22 गांव स्थापित हैं जिसमें गुरु नानक छोट गुरुद्वारा हल्लौर साहिब रमैया सिख समाज गुरु नानक देव जी की प्रथम उदासी के समय से ऐतिहासिक गुरुद्वारों की सेवाओं में समर्पित है। इसी समाज के प्रमुख सेवादार सरदार जसपाल सिंह, कापसे गुरु गोविंद सिंह खालसा, विद्यालय के पूर्व अध्यक्ष, सरदार हरपाल सिंह सेवक पूर्व प्रधान जिला बिजनौर, सरदार शमशेर सिंह भाटी मेंबर गुरु सिंह सभा बिजनौर के सभी प्रमुख सेवादार खबर खालसा डिजिटल न्यूज़ चैनल को समाज की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया संपूर्ण भारत वर्ष की कोई भी सिख जथ्थेबंदी, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं श्री अकाल तख्त साहिब तक का उनकी समाज की ओर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं है I उन्होंने यह भी कहा किसी भी कमेटियों द्वारा उनके समाज की कोई सुध नहीं ली जाती I गुरुद्वारों में सिख धर्म से जुड़े जितने भी पर्व हैं गुरुओं के प्रकाश पर्व हो या शहीदी पर्व हो यह सारे समागम रमैया सिख समाज अपने स्तर पर ही व्यवस्थित कर मनाता है जिला बिजनौर में जितने भी गुरुद्वारों में समागम किए जाते हैं जिसमें गुरुओं के इतिहास पंथ खालसा के इतिहास की जानकारी समुचित समाज को मिल सके जिसके लिए पंजाब से कुछ कथावाचकको, रागी जत्थे, ताड़ी जत्थे को बुलाया जाता है जिसकी उन्हें 40 40- 50 50 हजार रुपए देकर बुलवाया जाता है जिससे पंथ खालसा का प्रचार हो सकेI आने वाली पीडि को धर्म की जानकारी गुरुओं की इतिहास की जानकारी एवं सिख धर्म की परंपराओं से अवगत कराया जा सके। हजारों रुपए देकर सिक्खी का प्रचार करवाना एवं समाज की नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है यहां जितने भी समागम किए जाते हैं वे सिर्फ रमैया सिख समाज के व्यक्तियों द्वारा निजी आर्थिक व्यवस्था बनाकर समागम किए जाते हैं। और तो और लगभग 100 वर्षो से बने ऐतिहासिक गुरुद्वारो की देखरेख भी इसी समाज के द्वारा की जाती है जिला बिजनौर में स्थित 22 गांव है जहां गुरुद्वारों में कोई कमेटी नहीं बनाई गई है और ना ही सिख पंथ की किसी भी कमेटी का इनकी ओर कोई ध्यान हैं रमैया सिख समाज ने सिखों की सिरमौर संस्था श्री अकाल तक साहब से गुहार लगाई है कि वह इस ओर ध्यान दें यहां के गुरुद्वारों में विराजमान श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के सरुप भी काफी वृद्ध हो चुके हैं, यहां के गुरुद्वारों में श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के नवीन सरूपों की बहुत आवश्यकता है जिसे लाना इस समाज के लिए काफी कठिन लग रहा है जिला बिजनौर के रमैया सिख समाज का एक एक बच्चा सिख धर्म की मर्यादाओं का पालन करता हैं। सभी के सभी साबुत सूरत है, अमृतधारी है शस्त्रधारी हैं, एवं सभी के सभी गुरु मर्यादाओं मैं आस्था रखे हुए। अफसोस तो सिर्फ इस बात का है पूरे भारतवर्ष में जितने भी सिख पंथ की कमेटियां है, संस्थाऐ हैं, किसी भी संस्था का इस समाज की ओर कोई ध्यान नहीं हैं, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह साहब का इस ओर ध्यान दिलवाना चाहते हैं आपकी जिम्मेदारी बनती है पंथ खालसा की मर्यादाओं में रहने वाले रमैया सिख समाज की समस्याओं का समाधान करें एवं उन्हें मूल धाराओं के साथ-साथ अपनी संस्कृति से जोड़े रखें। वैसे भी पंजाब के हालत से देश और विदेशों में बैठी सिख संगत भली-भांति परिचित है किस-किस परिस्थितियों में सिख धर्म के लोग ईसाई धर्म की तरफ खींचे जा रहे हैं सिक्खी छोड़ गांव के गांव, पिंड के पिंड सिख धर्म छोड इसाई बनते जा रहे हैं कहीं ऐसा ना हो पंजाब के अलावा और भी दूसरे प्रदेशों में लोग सिख धर्मों को छोड़ ईसाई धर्मों को ना अपना ले। यह तो अच्छा है रमैया सिख समाज के लोग कई वर्षों से श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के लण लगे हैं संपूर्ण सिख मर्यादा में है, जैसे इस समाज ने अपने आप को पंथ खालसा से जोड़ कर रखा है ठीक उसी तरह पंथ खालसा की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह भी इस समाज को पंथ के साथ पंथ की मर्यादाओं में जोड़ कर रखें और उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में बने ऐतिहासिक गुरुद्वारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले वहां की देखरेख करें एवं रमैया सिख समाज के समस्याओं का समाधान भी करें। उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर से आए समाज के मुख्य सेवादारों ने यहां तक की जानकारी दी हैं पंथ खालसा के ईष्ट प्रथक गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहब जी महाराज का जहां प्रकाश है उसी गुरुद्वारों की छत पर बारिश के समय भारी मात्रा में पानी टपकता रहता है जोकि समूचे पंथ खालसा के लिए शर्म का विषय है वहाँ के गुरुघरों की ऐसी दुर्दशा पंथ खालसा बर्दाश्त करेगा, क्या श्री अकाल तख्त के जत्थेदार बिजनौर के गुरु घरों के लिए समर्पित नहीं है..??


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